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अपने बेटे और बिटिया को ये मां बेचना चाहती है, है कोई खरीददार?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गावं की रहनेवाली है यह मां, क्यों लगाईं अपने बच्चों की बोली ,जानिए

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अपने बेटे और बिटिया को ये मां बेचना चाहती है, है कोई खरीददार?

सिटी पोस्ट लाइव : एक कहावत है “पूत कपूत हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती” लेकिन जब एक माता ही अपने पुत्र को बेचना चाहती हो तो इसे आप क्या कहेगें. क्या माता कुमाता हो गई है या फिर कुमाता बनने को मजबूर है. हर दुःख झेलकर भी अपने बच्चों के हर सुख का ध्यान रखनेवाली नालंदा जिले की एक माता द्वारा अपने बेटे को बेचे जाने की तैयारी की खबर सामने आई तो सबको सांप सूंघ गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  के गांव की एक मां इतनी मजबूर क्यों है कि वह अपने दो बच्चों को बेच देना चाहती है?

नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा गांव देश भर में नीतीश कुमार के गावं के रूप में चर्चित है.इसी गावं की  मुफलिसी का जीवन व्यतीत कर रही एक महिला अपने दो बच्चों के साथ टीबी रोग से ग्रसित हो गई है.पति ने भी साथ छोड़ दिया है. अपना और अपने बच्चों का ईलाज कराने में बिफल इस माता ने अपने दुधमुंहे बेटे और बेटी की भी बोली लगा दी.

दरअसल, पिछले कई महीनों से इस महिला और उसके दो बच्चों को टीबी (Tuberculosis) हो गया है. वह खुद का और अपने बच्चों का भी इलाज करवाना चाहती है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं. इसलिए उसने अपने दोनों बच्चों को बेचने का मन बना लिया. गांववालों को जब इस बात का पता लगा तो बजाय उसकी मदद करने के उसे गांव से ही बाहर निकाल दिया. कहीं दूसरों को भी टीबी न हो जाए, उसे गावं से निष्काषित कर दिया. किसी तरह महिला अपने दोनों बच्चों के साथ अस्पताल पहुंची, जहां मीडिया के पहल पर डीएम ने संज्ञान लिया और तीनों का समुचित इलाज शुरू हो सका.इस माता को क्या आप अभी भी कुमाता कहेगें या फिर एक ऐसी माता तो जो अपनी ममता को बचाने के लिए ममता की बोली लगाने के लिए मजबूर हो जानेवाली मां का नाम देगें?

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