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गुंडा बिल्डर्स के खिलाफ पटना का शुरू हो रहा विशेष अभियान, लोगों को मिलेगें फ्लैट्स

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गुंडा बिल्डर्स के खिलाफ पटना का शुरू हो रहा विशेष अभियान, लोगों को मिलेगें फ्लैट्स

 सिटी पोस्ट लाइव (सोमनाथ पाण्डेय) : अगर आपने पटना में कोई फ़्लैट बुक कराया है. लेकिन बिल्डर आपको पजेशन नहीं दे रहा. आनाकानी या फिर दुर्व्यवहार कर रहा है तो आप सीधी पटना पुलिस से समपर्क करिए. आमतौर पर ऐसे मामलों में पुलिस हमेशा बिल्डर के साथ खडी नजर आती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आप पुलिस में शिकायत करेगें तो कारवाई होगी. पटना सेन्ट्रल रेंज के डीआइजी ने इस तरह की आ रही शिकायतों के निबटारे के लिए अब विशेष व्यवस्था की है. सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया. तीन सिंगल विंडो सिस्टम होगें. तीनों के इंचार्ज अलग सिटी एसपी होगें.

इनका काम होगा  बिल्डर्स की दबंगई से परेशान पब्लिक को राहत पहुंचाना.उनका उनका हक दिलाना. इसे पटना पुलिस एक ऑपरेशन के तर्ज पर चलायेगी. सेन्ट्रल रेंज डीआइजी राजेश कुमार ने कहा कि लोगों की शिकायत है कि बिल्डर्स की दबंगई और उनकी मनमानियों से वो परेशान होकर  थाना जाकर अपनी कंप्लेन करते हैं. लेकिन  पुलिस वाले उन्हें भगा देते हैं. मामला दर्ज भी कर लेते हैं तो कारवाई नहीं करते. आरोपी बिल्डर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है.ज्यादातर थानेदार तो बिल्डर के साथ ही उसके खिलाफ दर्ज मामलों का भय दिखाकर सौदा कर लेते हैं. लेकिन डीआइजी का कहना है कि अब इस तरह की स्थिति अब सामने न आए, इसलिए अब कार्रवाई के तरीके में ही बदलाव करने की तैयारी कर ली गई है. अब कमान सीधे सिटी एसपी के हाथ में होगी.

शिकायत मिलते ही थानेदारों को आरोपों की जांच कर हर हाल में कार्रवाई करनी होगी. सभी सिटी एसपी लगातार इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. यहां तक की खुद डीआईजी भी सिंगल विंडो सिस्टम पर आने वाले मामलों का रिव्यू करेंगे. डीआईजी के अनुसार सिंगल विंडो सिस्टम के लिए हर सिटी एसपी के अंदर में दो डीएसपी और दो इंस्पेक्टर भी काम करेंगे.

पुलिस पटना के थानों में दर्ज बिल्डर्स के खिलाफ एफआईआर के आधार पर एक और लिस्ट तैयार कर रही है. लिस्ट तैयार होने के बाद डीआईजी हर एक केस का खुद समीक्षा करेगें. जिन मामलों में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है, उन मामलों में तुरत कार्रवाई होगी.

इस तरह के मामलों से निपटने के लिए ही सेंट्रल रेंज के डीआईजी नई कवायद को अंजाम देने जा रहे हैं. डीआईजी का कहना है कि कुछ ऐसे भी मामले हैं, जिसे नगर निगम और रेरा को भी कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा. वाकई यह व्यवस्था बहुत मददगार साबित हो सकती है वैसे लोगों के लिए जो बिल्डर्स की गुंडागर्दी के शिकार हैं. लेकिन यह तभी होगा जब कानून के पालन की जिम्मेवारी ईमानदार हाथों में होगी. वर्ना पुलिसवाले इसे भी अपनी कमाई का एक नया जरिया बना लेगें.

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