सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने कमर कस ली है. वहीं निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कोरोना को देखते हुए सभी गाइडलाइन को मानना होगा. सभी मतदाता हैंड ग्लव्स के माध्यम से ईवीएम का बटन दबाएंगे. प्रशिक्षण से लेकर नामांकन और मतदान से लेकर मतगणना और यहां तक कि आवागमन के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों को कोविड-19 से बचाव के लिए कुल 17 मानकों के आधार पर तैयारी करने का दिशानिर्देश जारी किया गया है.
बता दें पंचायत चुनाव मई में होने वाला था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. निर्वाचन आयोग के लिए एक तरफ लोगों को जिन्दगी तो दूसरी तरफ चुनाव करना. इसे लेकर राज्य सरकार ने चुनाव कराने से साफ़ मना कर दिया. जिसके बाद अब यह चुनाव आने वाले दिनों में होने जा रही है. यह पहला मौका होगा जब पंचायत चुनाव में नामांकन के लिए ऑनलाइन सेवा को प्रमुखता दी जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उम्मीदवार नामांकन प्रपत्र भर सकते हैं.
प्रत्याशी अगर चाहे तो प्रपत्र को डाउनलोड कर निर्धारित नामांकन केंद्र में जमा करने का विकल्प चुन सकता है. नामांकन के वक्त केवल एक प्रस्तावक उम्मीदवार के साथ रह सकता है. नामांकन स्थल के बाहर उम्मीदवार और प्रस्तावक के लिए कोविड-19 के मापदंडों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए इंतजार करने का समय मिल सकेगा. नामांकन के पहले सैनिटाइजर से और हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था भी की जाएगी.
जारी किये गए गाइडलाइन्स के मुताबिक, मतदान केन्द्रों पर सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा अन्यथा उन्हें 50 रुपये तक कर जुर्माना भरना होगा. जाहिर सी बात है कि कोरोना का खतरा अभी भी पूरी तरह से नहीं टला है जिसके कारण मतदान और मतगणना तक कोरोना से बचाव के लिए हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम करने में राज्य निर्वाचन आयोग लगा हुआ है. साथ ही सावधानी बरतने के लिए एक के बाद एक हिदायत भी दी जा रही है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ़ तौर पर मास्क का उपयोग करने के आदेश दिए हैं. वहीं, मतदान केंद्रों पर भी चुनाव आयोग की तरफ से मास्क का प्रबंध किया जाएगा. इसके बावजूद यदि कोई भी व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो फिर आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जारी किये गए अन्य आदेशों के अनुसार उम्मीदवारों को 5 से अधिक लोगों के समूह में प्रचार करने की इजाजत नहीं होगी.
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