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गोपालगंज में वायरल फीवर का जारी है कहर, तीन बच्चों की मौत, 100 से ज्यादा भर्ती

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पिछले कुछ महीनों में कोरोना ने अपना खूब कहर बरपाया. कई लोगों की जानें चली गयी. अब एक और बड़ी समस्या सामने आ गई है. यह समस्या है बच्चों का वायरल फीवर , जिसकी चपेट में कई बच्चे आ गए हैं. सबसे बुरा हाल गोपालगंज का है. जहां 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गए हैं, जबकि तीन मासूमों को मौत हो गई है.

कुछ बच्चों का सरकारी तो कुछ का प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है. विभिन्‍न अस्‍पतालों में इलाज के दौरान 3 बच्चों की मौत होने की पुष्टि की गई है. मौत के बाद एक बच्चे की रिपोर्ट आई तो पता चला कि वह मासूम इंसेफेलाइटिस (AES) से पीड़ित था. इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 50 से ज्यादा बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.

बता दें सभी बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार, बेचैनी और निमोनिया के लक्षण पाए गए हैं. वहीं, बात करें पीएमसीएच की तो वहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. हालत ऐसी हो गयी है कि कई मरीज फर्श पर ही इलाज करवा रहे हैं. इन सभी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं बल्कि वे सभी वायरल फीवर से पीड़ित हैं. वहीं मुजफ्फरपुर जिले में यह फीवर काफी तेजी से फ़ैल रहा है. जिसको लेकर सभी पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है.

मेडिकल टीम सभी के इलाज को सुनिश्चित भी कर रही है. साथ ही पूर्णिया और बक्सर जैसे जिलों में भी इसका प्रकोप देखने को मिला है. ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर्स ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है. आंवला और विटामिन सी युक्त फल खाने, पानी अच्छे से पीने, डस्ट वाली जगह से दूर रहने, स्मोक नहीं करने की सलाह आदि दी जा रही है.

यूपी, एमपी, बिहार और अब दिल्ली में भी ये वायरस तेजी से फैलता जा रहा है. चिंता की बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हो रहे हैं. बिहार, यूपी समेत तमाम राज्यों के अस्पतालों में जगह नहीं बच रही है. ध्यान होगा कि यूपी के फिरोजाबाद में इस रहस्यमय बुखार ने 100 से ज्यादा जिंदगी लील ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी यही हाल है.
क्या हैं वायरल फीवर के लक्षण

तेज़ सरदर्द
रैश
तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
गर्दन में अकड़न
बार-बार उल्टी होना
सांस लेने में कठिनाई
छाती या पेट दर्द

जानिए आप अपने बच्चे को वायरल फीवर की चपेट में आने से कैसे बचा सकती हैं

– बार-बार हाथ धोने को कहें, बच्चा छोटा है तो आप भी बार-बार हाथ धोती रहें। खासतौर से बच्चे को छूने या खाना खिलाने से पहले।
– बाहर जाते समय हर 20-30 मिनट में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
– बाहर जाते समय बच्चे को फेस मास्क जरूर पहनाएं। मास्क बच्चे की फिटिंग का होना चाहिए। न बहुत छोटा और न ही बड़ा।
– घर में आने वाला और घर से बाहर जाने वाला व्यक्ति मास्क पहनने के नियम का पालन करे।
– खांसते या छींकते समय अपनी कोहनी या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें
– संतुलित आहार लें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें

यदि बच्चा वायरल फीवर की चेपेट में आ गया है तो क्या करें

1. वायरल फीवर आपके शरीर को सामान्य से ज्यादा गर्म कर देता है। इससे आपके शरीर को ठंडा करने के प्रयास में पसीना आता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। वायरल फीवर होने पर जितना हो सके उतना पानी पीने की कोशिश करें। ताकि खोए हुए तरल पदार्थ की पूर्ति हो सके। आप बच्चे को हर्बल चाय या सूप भी पी दे सकती हैं।

2. वायरल बुखार एक संकेत है कि शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। इसलिए, जितना हो सके बच्चे को आराम करवाएं और बाहर खेलने न जानें दें।

इसके अलावा, खुद से इलाज करने या बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई लेने से बचें, इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

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