सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बढ़ते कोरोना के संक्रमण की वजह से सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. पटना के किसी सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. पटना में तेजी से बढ़ते कोरोना पॉजेटिव केस (Corona Epidemic) को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने पाटलिपुत्रा स्थित रुबन मेमोरियल हॉस्पिटल (Ruban Memorial Hospital) और राजा बाज़ार स्थित समेत कुल 18 प्राइवेट हॉस्पिटल को अपने अपने अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाने का आदेश जारी किया है. पटना सिविल सर्जन ने इस बाबत एक आदेश पत्र भी जारी कर दिया है. इस पत्र में वैसे कोविड 19 मरीज अपना इलाज करवा सकेंगे जो इलाज का खर्च खुद उठा सकते हैं.
पटना सिविल सर्जन की ओर से जारी इस आदेश के बाद रुबन समेत सभी हॉस्पिटल अपने अपने अस्पताल में कोविड 19 वार्ड बनाना शुरू भी कर दिया है. पटना में सबसे अधिक कोविड 19 बेड रुबन मेमोरियल हॉस्पिटल के पास है. पटना के इन 18 निजी अस्पतालों में 20 से 25 फीसदी बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है. इसके लिए सभी अस्पतालों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन करने, स्वास्थ्य विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने से लेकर सिविल सर्जन कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम कुमार रवि ने दिया है. पटना के जिन निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज होगा वो निम्नलिखित हैं.
पटना के जिन अस्पतालों में कोरोना का इलाज होगा उनके नाम हैं-पारस हॉस्पिटल,क्रॉस हॉस्पिटल, हाईटेक इमरजेंसी, जीएस न्यूरोसाइंस, अरविंद हॉस्पिटल, मेडिका मगध हॉस्पिटल,डॉ.विमल हॉस्पिटल,हार्ट हॉस्पिटल, श्री मुरलीधर हॉस्पिटल. अनूप इंस्टीच्यबट, एएस नर्सिंग होम,बुद्धा सेंट्रल हॉस्पिटल, महावीर वात्सल्य, पालम वीयू हॉस्पिटल,मेडिवर्सल हॉस्पिटल,रुबन, पाटलिपुत्र, तारा हॉस्पिटल और एनईएसटीवीए हॉस्पिटल.
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. इस महामारी ने पटना समेत राज्य के सभी जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. रोजाना मरीजों की मौत भी हो रही है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और बिगड़ते हाताल को देखते हुए ही बिहार में 31 जुलाई तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया है.सबको ईलाज की सुविधा मिल सके, प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना ईलाज की व्यवस्था की गई है.
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