सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना का रफ़्तार लॉक डाउन में भी जिस तरह से बढ़ रहा है और अस्पतालों में नए मरीजों के ईलाज के लिए जगह नहीं है, बिहार में कितनी तबाही मचेगी, कितने लोगों की जान जायेगी किसी को पता नहीं है.एकबार फिर से बिहार में कोरोना का सबसे बड़ा विस्फोट सामने आया है.राज्य में एक साथ 1820 मामले सामने आए हैं. जिसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 33511 पर पहुंच गई है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 2 दिनों के जारी अपडेट के अनुसार 22 जुलाई को 1083 मामले और 23 जुलाई को 737 नए मामले सामने आये हैं. राजधानी पटना में 561 मामले एक साथ सामने आए हैं.सबसे ज्यादा खतरनाक जोन राजधानी पटना बन चूका है.राजधानी पटना शहर मे कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. शहर में संचालित 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हो रहे प्रतिदिन एंटीजन कोरोना से टेस्ट से ये खुलासा हुआ है कि पटना के 30 फीसदी लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं.गुरुवार को इन पीएचसी पर जितने लोगों की जांच की गई उनमें से 30 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए जबकि बुधवार को यह आंकड़ा 25 फीसदी ही था.
गुरुवार को 721 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी. जिसके बाद इनमें से 494 लोगों का परीक्षण कराया गया. एंटीजन टेस्ट में 149 लोग संक्रमित पाए गए जिन्हें होम आइसोलेशन के लिए भेजा गया है.स्वास्थ्य केन्द्रों में सबसे अधिक शास्त्रीनगर में 19, जयप्रभा में 19, रुकनपुरा में 17, मारुफगंज में 12, पूर्वी लोहानीपुर में 12, चांदपुर बेला में 9 और गर्दनीबाग में 8 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए.
पटना में 18 जुलाई से पटना के शहरी इलाकों में स्थापित 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच शुरू की गई है. शुरुआती दिनों में 3 दिनों में रोज औसतन 300 मरीजों की जांच हो रही थी. लेकिन जैसे जैसे जांच की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे वैसे कोरोना संक्रमितों की भी संख्या बढ़ती जा रही है.ये बात तो साफ़ हो गई है कि राजधानी पटना में घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है.कब कौन कहाँ संक्रमित हो जाए कोई नहीं जानता.
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