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कोरोना का टिका नहीं लेनेवाले नहीं लड़ पायेगें पंचायत चुनाव, जानिये क्या है माजरा?

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सिटी पोस्ट लाइव : पंचायती राज विभाग के एक नये प्रस्ताव के अनुसार जिन लोगों ने कोरोना का टिका नहीं लगवाया है, वो पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं.नामांकन के वक्त आपसे कोरोना टीके लगवाने का सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है. अगर उस वक्त तक आपने टीके नहीं लगवाए हैं, तो चुनाव लडऩे से वंचित किए जा सकते हैं. यह प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेजा जाएगा. सरकार मंजूरी मिलते ही लागू हो जाएगा. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग जनहित में कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर प्रत्याशियों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेने पर भी विचार कर र है. सरकार के स्तर सहमति बनते ही आयोग से सिफारिश की जाएगी.

कोरोना संक्रमण कण्ट्रोल में आने के साथ ही पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है.पंचायत चुनाव में इस बार कोरोना को लेकर कई अहम् बदलाव किये जायेगें.ईवीएम से पहली बार मतदान कराने के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने की तैयारी चल रही है.कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नामांकन के वक्त वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर जाना होगा. गांवों में अभी कोरोना के टीके को लेकर बहुत तरह की भ्रांतियां हैं. जागरूकता के अभाव में आम लोग टीके लगवाने से परहेज कर रहे हैं. अभी भी त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था में वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के 2.50 लाख सदस्यों में हजारों जनप्रतिनिधियों ने खुद भी टीके नहीं लगवाए हैं.

गौरतलब है कि पिछले पंचायत आम चुनाव में 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था. इस बीच गांवों एवं पंचायतों से शिकायतें आ रही हैं कि वैक्सीनेशन टीम को जनप्रतिनिधियों का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है. पंचायत चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा खतरा प्रचार के क्रम में है. नामांकन के बाद प्रत्याशियों का घर-घर में घूमना होगा. ऐसे में वे अनजाने में कोरोना संक्रमण की वजह बन सकते हैं. इसी खतरे को को देखते हुए चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों के लिए टीका लगवाना अनिवार्य करने की पहल की जा रही है.

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