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हलकान है बिहार पुलिस, नहीं मिल रहे हैं तबलीगी जमात के लोग.

तबलीगी जमात के लोगों के फेक हैं एड्रेस, मोबाइल नंबर भी नहीं कर रहे काम, संक्रमण का बढ़ा खतरा.

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हलकान है बिहार पुलिस, नहीं मिल रहे हैं तबलीगी जमात के लोग.

सिटी पोस्ट लाइव : दिल्‍ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात (Tablighi Jamat) में शामिल लोगों की वजह से पूरे देश में कोरोना महामारी (Corona epidemic) के संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है.दिल्ली की जमात में शामिल लोग विभिन्न प्रदेशों में फैल चुके हैं और इनमें से बड़ी संख्या में जमाती बिहार भी आ चुके हैं. अब ऐसे सभी लोगों को ट्रेस कर पाना पुलिस महकमे (Police department) के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. एक ओर जहां उनका ठिकाना नहीं मिल रहा तो वहीं अथिकतर का मोबाइल बंद मिल रहा है.बिहार से जुड़े लोगों के तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटने के बाद पुलिस ऐसे लोगों की तलाश में लगी हुई है पर भूमिगत हो चुके अधिकतर जमातियों को ट्रेस करने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. एक ओर जहां इनका मोबाइल स्विच ऑफ है, वहीं सबसे बड़ी बात तो यह है कि  पुलिस रजिस्टर में दर्ज पाते लीग दिए पते पर ये सभी मिल भी नहीं रहे हैं.

बिहार पुलिस मुख्यालय ने संबंधित थानों के अलावा बिहार सरकार के आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस के साथ ही सीआईडी को भी लगाया है. ADG कानून-व्यवस्था अमित कुमार के सूबे में लॉकडाउन को लेकर विशेष एहतियात बरते जाने लेकर दिए गए दिशा-निर्देश से पुलिस को कई मोर्चे पर खासी मशक्तत करनी पड़ रही है.तबलीगी जमात के खोजे गए लोगों को आइसोलेशन वार्ड  में रखने में  भी परेशानी है क्योंकि वो सहयोग नहीं कर रहे हैं. गुरुवार को नवादा के सदर अस्पताल (Nawada Sadar Hospital) के आइसोलेशन वार्ड से कोरोना का एक संदिग्ध मरीज भाग निकला. गनीमत यह रही कि समय पर सूचना मिलने के बाद उसे खोजकर वापस आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया. यह शख्स दिल्ली के तबलीगी जमात में शामिल होकर 11 मार्च को पटना और फिर वहां से अपने घर नवादा के अकबरपुर पहुचा था.

बिहार  पुलिस अभी तक महज दर्जन भर ऐसे लोगों को ही खोज पाई  है, जो मरकज जमात से हैं और कोरोना के संदिग्ध मरीज हो सकते हैं.लेकिन  इनकी संख्‍या  दो सौ से अधिक बताई जा रही है. दरअसल,  नीतीश सरकार और प्रसाशन की बड़ी चिंता ऐसे लोगों के जरिये से संक्रमण फैलने को लेकर है. बहरहाल हालात बिगड़ने से पहले तबलीगी मरकज के जमात से लौटे हर एक चिह्नित कर क्वारेंटाइन सेंटर में डालने की कोशिश जारी है, लेकिन इसमें पुलिस को सहयोग नहीं मिल रहा है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरुवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि तब्लीगी जमात के 112 लोगों की सूची मिली है, जिसमें 12 लोगों को खोज लिया गया है, 55 लोगों की तलाश की जा रही है. इनमें से कई अभी बिहार से बाहर ठहरे हुए हैं. बाहर से आए सभी लोगों की जांच बिहार सरकार की प्राथमिकता है.

तबलीगी जमात ने दिल्‍ली के निजामुद्दीन में पिछले 17 से 19 मार्च तक अखिल भारतीय अल्लामी मशविरा का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में  जिसमें देश-विदेश से लोगों ने शिरकत की, लेकिन इस कार्यक्रम में शामिल कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जिनके माध्‍यम से संक्रमण  अन्‍य लोगों में फैला.अब कार्यक्रम में शामिल लाेग अपने साथ देशभर में इस बीमारी के वायरस को लेकर घूम रहे हैं जिससे हड़कम्प की स्थिति तो बनी ही है. साथ ही कोरोना के संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.

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