सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना काल में लगातार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते सरकारी एम्बुलेंस कर्मी भी कोरोना फाइटर के रूप में अपना दायित्व निभा रहे है. ख़ुद के जान की परवाह किए बग़ैर कोरोना मरीजों को लाने व पहुंचाने का काम कर रहे है. इसके बावजूद इन्हें पुलिस की लाठी खानी पड़ रही है. ताजा मामला भागन बीघा थाना क्षेत्र इलाके की है जहां रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एम्बुलेंस कर्मी मनीष कुमार की पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी.
घटना के संबंध में 102 एंबुलेंस संघ के जिलाध्यक्ष अमित पांडेय ने बताया कि भागन बीघा पुलिस के द्वारा एंबुलेंसकर्मी के साथ मनमानी किया गया. पुलिस के द्वारा एक घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा गया था लेकिन एंबुलेंसकर्मी ने रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित होने के कारण बिहार शरीफ सदर अस्पताल ले जाने के जगह रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बात कही. इसी बात को लेकर एम्बुलेंस कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों के बीच कहासुनी शुरू हुई.
जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंसकर्मी के साथ एक मुजरिम की तरह पिटाई कर दी. फ़िलहाल एंबुलेंसकर्मी को बिहार शरीफ से पटना गंभीर हालत में रेफर कर दिया है. वहीं, एम्बुलेंस कर्मी ने इस पुलिसिया बर्बरता व पिटाई के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. एंबुलेंस कर्मचारी ने कहा कि जब तक भागन बीघा पुलिस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हम लोगों का हड़ताल जारी रहेगा. गौरतलब है कि पूरे नालन्दा जिले में 27 एक सौ दो एम्बुलेंस कर्मी है. सभी के सभी हड़ताल पर चले गए है. वहीं भागन बीघा थाना पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. इस तरह की घटना से भी इनकार किया
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