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आज PM मोदी करेगें ‘गरीब कल्याण रोजगार’ अभियान की शुरुआत.

खगड़िया के तेलिहर गांव से PM मोदी करेंगे शुरुवात, बिहार के 32 जिलों में चलेगी PM की यह योजना.

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सिटी पोस्ट लाइव :आज का दिन बिहार के खगड़िया जिले के लिए बेहद्खास है.आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहर गांव से गरीब कल्याण योजना (Poor welfare employment scheme) की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद रहेंगे.  कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों से अपने घर लौट चुके मजदूरों के लिए शुरू की जा रही यह योजना बिहार के लिए ख़ास मायने रखती है क्योंकि चार महीने बाद ही बिहार में विधान सभा चुनाव है.इसे बीजेपी के चुनावी अभियान के श्रीगणेश के रूप में भी देखा जा रहा है.

गौरतलब है कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक़ बिहार में तो 30 लाख से भी अधिक मजदूर अपने गांवों में लौटे हैं.उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए ही येयोजना देश भर में शुरू जा रही है. अब केंद्र सरकार ऐसे ही प्रवासी मजदूरों (Migrant workers) को इस योजना के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. केंद्र सरकार के अनुसार छह राज्यों के 116 जिले ऐसे हैं, जिनमें से हर जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं. इनमें बिहार के 32 जिले, जबकि उत्तर प्रदेश के 31 जिले शामिल हैं.

तेलिहर गांव से इस अभियान की शुरुआत होने के समय खगड़िया डीएम आलोक रंजन घोष, डीडीसी रामनिरंजन सिंह के साथ-साथ कई वरीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.डीएम के अनुसार, पीएम जीविका समूह ,  प्रवासी श्रमिक और जनप्रतिनिधियों से बात भी करेंगे. पीएम द्वारा शुरू किए जा रहे इस कार्यक्रम का मकसद कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण घर लौटे प्रवासी मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जायेंगे. सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है और इससे 25 हजार प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा.

यह अभियान 125 दिनों का है, जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 25 अलग-अलग तरह के कार्यों किए जाएंगे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए साझा सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिये इस कार्यक्रम में मजदूर शामिल होंगे.

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