City Post Live
NEWS 24x7

बिहार के बाहर फंसे छात्रों को भी नीतीश सरकार देगी 1000 रुपये.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

बिहार के बाहर फंसे छात्रों को भी नीतीश सरकार देगी 1000 रुपये.

सिटी पोस्ट लाइव : देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक के बाद नीतीश सरकार ने राज्य के बाहर फंसे छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की वजह से दुसरे राज्यों में फंसे बिहार के सभी लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपये देने का ऐलान कर दिया है.इस योजना का लाभ बिहारी छात्रों को भी मिलेगा.सरकार इन छात्रों के खाते में भी एक हजार रुपये डालेगी. राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी.

पीएम मोदी के साथ देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक के बारे में अनुपम कुमार ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री को राज्य की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी गई. बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य में 328 मरीजों की पहचान की गई है. सरकार महामारी से प्रभावित सभी लोगों को हर स्तर पर राहत देने के लिए कदम उठा रही है. सूचना एवं जनसंपर्क सचिव ने बताया कि कोविड-19 को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से बिहार के जो लोग बाहर फंसे हुए हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और बिहार भवन कार्यालय में हेल्पलाइन है. हेल्पलाइन के नंबरों पर ये लोग अपनी समस्याएं बता रहे हैं.

अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार से बाहर फंसे ऐसे लोग लगातार कॉल कर अपनी समस्याओं के बारे में सरकार को बता रहे हैं. सरकार उनकी सभी समस्याओं का समाधान करने में जुटी है. इसी क्रम में उन्होंने बताया कि फोन करने वालों में बिहार के बाहर रह रहे छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं. इनसे फीडबैक लेकर उनकी समस्याएं दूर की जा रही हैं. अनुपम कुमार ने बताया कि राज्य के बाहर जो लोग लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में प्रति व्यक्ति 1000 रुपये की राशि दी जा रही है. आपदा प्रबंधन विभाग मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के माध्यम से इस राशि का वितरण कर रहा है. उन्होंने बताया कि इस कोष से अभी तक लगभग 16 लाख लोगों के खाते में 1000 रुपये की राशि भेजी गई है. इन लोगों में छात्र-छात्राओं के अलावा दिहाड़ी मजदूर और अन्य जरूरतमंद लोग शामिल हैं.

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.