सिटी पोस्ट लाइव : दानापुर रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर कार्यरत रेलकर्मियों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। पटना जंक्शन समेत आसपास के कई स्टेशनों पर कार्यरत दर्जनों रेलकर्मी कोरोना की चपेट में आ गये हैं। रेलकर्मियों के कोरोना की चपेट में आने के बाद अब यात्रियों के बीच भी कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। पहले जहां यात्रियों को प्लेटफार्म पर जाने के पहले पूरा स्क्रीनिंग की जाती थी, वहीं अब कोई देखने वाला नहीं है।
दानापुर रेल मंडल प्रशासन की ओर से कर्मियों को न तो सैनेटाइजर दिए जा रहे हैं और न ही मास्क या हैंड ग्लब्स। खासकर वैसे कर्मियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो फ्रंट लाइन के कर्मचारी हैं। जिनका सीधा संपर्क यात्रियों से है उन्हें सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा है। नतीजा है कि एक बार फिर से रेलकर्मियों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही पटना जंक्शन, गुलजारबाग, राजेन्द्र नगर टर्मिनल और दानापुर स्टेशन पर तैनात एक दर्जन से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
मिली खबरों के मुताबिक पिछले सप्ताह पटना जंक्शन के आरक्षण काउंटर पर तैनात एक रेलकर्मी को कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके संपर्क में आने वाले गुलजारबाग के आरक्षण काउंटर के जब एक कर्मचारी ने अपनी जांच करवाई तो वह भी कोरोना संक्रमित निकला। देखते-देखते गुलजारबाग के अधिकांश कर्मचारी कोरोना संक्रमित निकलने लगे।पटना जंक्शन पर ही तैनात टिकट संग्राहकों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। जंक्शन पर तैनात फ्रंटलाइन के कर्मचारियों में सबसे अधिक परेशानी आरक्षण कर्मियों और टिकट निरीक्षकों को हो रही है।
अब जब रेलकर्मी ही कोरोना संक्रमित होने लगे हैं तब यात्री कितने सुरक्षित रहेंगे? पहले जहां यात्रियों को प्लेटफार्म पर जाने के पहले पूरा स्क्रीनिंग की जाती थी, वहीं अब कोई देखने वाला नहीं है। खासकर सुबह में ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है।पटना जंक्शन के मुख्य परिसर में तो कुछ पुलिसकर्मी तैनात भी रहते हैं लेकिन करबिगहिया की ओर पूरा मैदान खाली रहता है। पहले सामानों को रेलवे की ओर से सेनेटाइज करने की व्यवस्था थी, अब इसे निजी हाथों में दे दिया गया है। यात्री अपने पॉकेट से इसके लिए कोई भी शुल्क देने को तैयार नहीं हैं।
दानापुर रेल मंडल के किसी भी स्टेशन पर न तो मास्क की चेकिंग हो रही है और न ही ट्रेनों में कोई भी यात्री हैंड ग्लब्स लगाकर यात्रा कर रहा है। बहुत होता है तो यात्री मास्क लगा लेते हैं। हालांकि जो जागरूक यात्री हैं वह अभी भी अपने साथ सैनेटाइजर, मास्क और हैंडग्लब्स रखते हैं। ट्रेन में अपने बर्थ पर बैठने के पहले उसे पूरी तरह सैनेटाइज करते हैं फिर बैठते हैं। इन सब के बीच रेलवे का दावा है कि कही कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।
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