महिला की मौत के बाद नहीं आये रिश्तेदार, किसने कराया अंतिम संस्कार.
सिटी पोस्ट लाइव : लॉक डाउन (Lockdown) के दौरान देश के विभिन्न शहरों से एक से एक ह्रदय विदारक तस्वीरें सामने आ रही हैं.छपरा से भी इसी तरह की एक ह्रदयविदारक तस्वीर एक दिन पहले आई थी.पिता की मौत हो गई लेकिन लॉक डाउन की वजह से उसके बेटे अंतिम संस्कार के लिए नहीं पहुँच पाए.उसकी बेटियों ने ही सबकुछ किया.दूसरी खबर नवादा से भी आ रही है. गुरुवार को बिहार के नवादा (Nawada) में मानवता की एक अद्भुत तस्वीर देखने को मिली. यहां एक मृतक महिला के अंतिम संस्कार करने के लिए जब कोई सामने नही आया तो इसका जिम्मा बजरंग दल ने अपने हाथों में लिया.
नवादा जिला के हिसुआ के वार्ड नंबर 17 की विधवा महिला रूबी देबी की बुधवार को मौत हो गयी. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मृतका को कन्धा दिया और उसका अंतिम संस्कार करवाया. पांच दिनों से बेसहारा और असहाय विधवा रूबी देवी का इलाज कराने में हिसुआ बजरंग दल के कार्यकर्ता लगे हुए थे. इलाज हिसुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा था. मंगलवार की रात अचानक रूबी की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी तो उन्हें नवादा रेफर किया गया.
बजरंग दल के कार्यकर्ता सहयोग से उसे नवादा ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही रूबी ने दम तोड़ दिया. रूबी देवी की पिछले कई दिनों से तबियत खराब चल रही थी. रूबी देवी अपने पीछे बेसहारा 10 साल की बेटी रिया को छोड़ गईं हैं. रिया ने ही अपनी मां को मुखाग्नि दी. जानकारी के अनुसार विधवा रूबी देवी ठोंगा (कागज का लिफाफा) बनाकर गुजारा करती थी. बजरंग दल के संयोजक मनीष राठौर और अन्य कार्यकर्ताओं के सहयोग से मृतका की अर्थी उठी और दाह संस्कार हुआ.
बेटी रिया ने अर्थी को कंधा देने और अपनी मां को मुखाग्नि देने का काम किया. इंतजाम और दाह संस्कार में बजरंग दल के संयोजक मनीष राठौर, संदीप सिंह सोलंकी, रिषु भारती, गौतम राणा, सत्या ठाकरे, सूर्यवंश प्रताप आदि शामिल हुए. नौजवानों के द्वारा किया गया यह कार्य मानवता की नई मिशाल पेश कर रही है जिसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है.
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