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मुजफ्फरपुर में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 24 घंटे में जज समेत 19 लोगों ने तोड़ा दम.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना के बाद सबसे ज्यादा कोरोना से मौतें  मुजफ्फरपुर में हो रही हैं.मुजफ्फरपुर में कोरोना (Corona Death) से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढती जा रही है. बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस से पीड़ित 19 मरीजों ने दम तोड़ दिया है. 618 नए पॉजिटिव (Bihar Corona Positive Case) केसे सामने आए हैं. होम आइसोलेशन और ग्रामीण इलाकों में होने वाली मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

गांवों में कोरोना से होने वाली मौत को लेकर सामाजिक संकट पैदा हो गया है. मोतीपुर के एक गांव के एक मरीज के शव को  जब एसकेएमसीएच से उसके परिजन गावं लेकर पहुंचे तो लोगों ने सार्वजनिक श्मशान में शव के दाह संस्कार पर रोक लगा दी. गावं में अभी भी लोग कोरोना से हुई मौत को कलंक के रूप में देख रहे हैं.सूत्रों के अनुसार गावों में बदनामी के डर से कोरोना से होनेवाली मौतों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं.

मुजफ्फरपुर के अस्पताल में अधिकांश मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही है. बुधवार को कोरोना पॉजिटिव सरकारी एंबुलेंस चालक संतोष की मौत एसकेएमसीएच में हो गई. उसके साथी एंबुलेंस चालकों ने आरोप लगाया कि संतोष को समय से ऑक्सीजन नहीं मिल पाया जबकि प्रशासन का दावा है एसकेएमसीएच में ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्ति की जा रही है.

संक्रमण के तूफानी रफ्तार को देखते हुए गुरुवार से जांच में तेजी लाई जा रही है. शहर के सभी 49 वार्डों में 16 नए जांच केंद्र खोले गए हैं जहां 3-3 वार्डों  के लोग कोरोना वायरस टेस्ट करवाएंगे. इस बीच प्रखंडों से कोरोना टेस्ट में बाधा उत्पन्न होने की सूचनाएं मिल रही है. कई केंद्रों पर किट नहीं होने की वजह से जांच प्रभावित हो रही है. सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने बताया है कि स्वास्थ्य विभाग से किट की आपूर्ति डिमांड के हिसाब से बहुत कम है. प्रखंडों में जांच कराने के लिए 3000 किट प्रत्येक दिन चाहिए जो नहीं मिल पा रहे हैं.

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