सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से सरकारी और निजी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है.सरकार ने कई कोविड अस्पतालों की व्यवस्था तो की है लेकिन वहां भी व्यवस्था पस्त दिखाई दे रही है. उच्य न्यायालय के आदेश पर मानवाधिकार आयोग की टीम पटनासिटी के अगमकुआं स्थित NMCH अस्पताल निरीक्षण करने पहुँची. पटना AIIMS के निदेशक भी टीम के साथ मौजूद रहे. NMCH के अधीक्षक कार्यालय में अस्पताल की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई और कोरोना के बढ़ते मरीज़ो को देखते हुए NMCH में 500 बेड बढ़ाये जाने का फैसला लिया गया.
लेकिन सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था की पोल तब खुल गई जब मानवाधिकार की टीम ने पाया कि सरकारी अस्पतालों में संक्रमित मरीज अस्पताल परिसर के जमीन पर करीब 4 घंटो से तड़पता रहा. मरीज का बेटा डॉक्टरों से गुहार लगाता रहा. लेकिन सिर्फ एक ही जवाब मिला कि अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है. निरीक्षण के दौरान आनन फानन में अस्पताल के स्ट्रेचर बॉय पीड़ित मरीज को जमीन से उठाकर वार्ड में भर्ती किया. मानवाधिकार आयोग व डॉक्टरों की टीम को मृत मरीज का परिजन ने आईना दिखा दिया. उसने बताया की अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ भी घोर लापरवाही की जा रही है.
एक मृत मरीज के पीड़ित परिजन ने शिकायत क्कारते हुए कहा कि अस्पताल की लापरवाही से उसके मरीज की मौत हुई है.ऑक्सीजन की कमी है. उसके कोई डॉक्टर व नर्स मरीज़ो को देखने तक नहीं जा रहे है. उसने कहा कि वह अस्पताल व डॉक्टर पर FIR करने जा रहा है.
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