सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में करोना महामारी की बढ़ती गंभीरता पर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस आपदा से मुकाबला करने की राज्य सरकार की कार्य योजना पर असंतोष जताया है.. कोर्ट ने राज्य सरकार को इस कार्य योजना को रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. हाई कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि यदि कोई अस्पताल ऑक्सीजन सिलिंडर के अभाव में किसी के ईलाज नहीं कर सकता है, तो इसकी सूचना पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को दें. वे इसकी जानकारी प्रशासन को देंगे.
राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि राज्य में ऑक्सीजन सिलिंडर की पर्याप्त व्यवस्था है. कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन, उपलब्धता और विभिन्न क्षेत्रों में वितरण का ब्यौरा मांगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग एक टीम गठित करें, जो राज्य में करोना नियंत्रण की कार्रवाई का 48 घंटों में जायजा लेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में पटना हाई कोर्ट ने कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण, अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं बेड की कमी की खबरों को देखते हुए बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वह प्रत्येक दिन आम लोगों को बताए कि किस अस्तपाल में कितने बेड खाली हैं. यह भी कि राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्थिति क्या है, कितनी जरूरत है और कितना उपलब्ध है. पूरा ब्योरा प्रत्येक दिन आमलोग को बताया जाए, ताकि भ्रम की स्थिति न रहे.
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कहर ढा रही है. शुक्रवार को राज्यभर में 54 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई जबकि 48 घन्टे में 113 लोग काल के गाल में समा गए. इन परिस्थितियों के बीच बिहार में ऑक्सीजन सिलिंडर की किल्लत ने और भी परेशानी खड़ी कर दी है.राज्य में रिकवरी दर में भी तेजी से गिरावट देखी जा रही है. रिकवरी दर घटकर 79.28 प्रतिशत तक पहुंच गया है. मरनेवालों में ज्यादातर सीनियर सिटीजन लोग शामिल हैं जिनमें पॉजिटिव होने के बाद सांस लेने में परेशानी हुई और इलाज के दौरान मौत हो गई.
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