City Post Live
NEWS 24x7

बिहार में मिला पहला प्लाज्मा डोनर, पटना AIIMS में होगा आज पहला ट्रांसफ्यूजन

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना का संक्रमण कम होने की बजे तेज रफ़्तार से बढ़ रहा है.अब बिहार सरकार भी कोरोना (Corona) के गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए  प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करने जा रही है. अब बिहार सरकार को इसके लिए डोनर (Plasma donor) भी मिलने लगे हैं. राज्य के पहले किसी कोरोना मरीज ने स्वस्थ होने के किसी दूसरे कोरोना मरीज की जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेट किया है. दरअसल खाजपुरा के इस मरीज के परिवार के चार लोग कोरोना पॉजिटिव थे. प्लाज्मा डोनेशन के लिए राज्य के विभिन्न जिलों के ठीक हो चुके मरीजों से संपर्क किया गया पर सबसे पहले राज्य में पटना के दीपक कुमार ही डोनेशन के लिए आगे आये हैं.

खाजपुरा के रहने वाले शख्स दीपक कुमार को प्लाज्मा देने के लिए पटना एम्स की ब्लड बैंक की इंचार्ज और इस कार्यक्रम की प्रिंसिपल इनवेस्टीगेटर डॉ. नेहा सिंह ने काफी प्रेरित किया. नेहा सिंह ने उन्हें समझाया कि प्लाज्मा डोनेशन करने में कोई दिक्कत नहीं है. 72 घंटे के अंदर प्लाज्मा फिर शरीर में तैयार हो जाएगा. आपके इस डोनेशन से कोरोना के पांच गंभीर मरीज को स्वस्थ्य बनाने में कामयाबी मिल सकती है. सारी स्थितियों को बेहतर तरीके से समझने के बाद दीपक कुमार राजी हो गए. उन्हें डोनेशन के लिए शुक्रवार को बुलाया गया. नई आई एफ्रेसीस मशीन की मदद से दीपक के शरीर से सिर्फ 500 एमएल प्लाज्मा निकाला गया.

डॉक्टर नेहा सिंह इस गंभीर मरीज का प्लाजमा टेस्ट के लिए भेजा गया है. दीपक औरर इस मरीज के प्लाजमा के मैच करने के बाद इसे उस मरीज में ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा.  डॉक्टर नेहा के अनुसार चार माह से पहले किसी मरीज में प्लाजमा देने से वह ठीक से काम करता है. वैसे एक साल तक प्लाजमा ठीक रहता है पर उसमें जितना एंटीबाडी रहना चाहिए, नहीं रहता है.डॉ. नेहा ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी राज्य के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि पलाज्मा डोनेशन के लिए लोगों को आगे आना चाहिए. प्लाज्मा डोनेशन करने में कोई नुकसान नहीं.  500 एमएल के प्लाज्मा से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है. एक मरीज को 100 एमएल प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत होती है. किसी-किसी मरीज में 200 एमएल प्लाज्मा की जरूरत भी होती है और भला ऐसे हालात में इसलिए इससे बड़ा नेक कार्य क्या हो सकता है.

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.