सहरसा के कोरेनटाईन सेंटर की एक्सक्लूसिव सच्चाई, मरीज कह रहे हैं, मर जायेंगे यहां
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सहरसा जिले में कोरेनटाईन सेंटर में रखे गए लोगों के साथ मजाक हो रहा है ।ना इनका कोई ईलाज हो रहा है,ना खाने की व्यवस्था ठीक है और ना ही सोने की। सिटी पोस्ट अपने इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के जरिये सरकार को जमीनी हकीकत से रूबरू करा रहा है ।बिहार के सहरसा जिले में बने कोरेनटाईन सेंटर महज खानापूर्ति में लगे हुए हैं ।हम जिले के नवहट्टा प्रखंड के सत्तौर मिडिल स्कूल में बनाये गए कोरेनटाईन सेंटर की एक्सक्लूसिव जानकारी से आपको दो-चार करवा रहे हैं ।
यूपी से पैदल चलकर आये,17 मजदूरों को यहाँ कोरेनटाईन में रखा गया है। यहाँ रह रहे मजदूरों का कहना है कि यहाँ किसी तरह की कोई व्यवस्था ठीक नहीं है ।दो बार खाने को दिया जाता है,लेकिन वह खाना, खाने लायक नहीं होता है ।नाश्ता और चाय का उन्हें दर्शन भी नहीं हुआ है ।12 दिनों से वे यहाँ रह रहे हैं ।उन्हें बेंच पर सोने दिया गया है ।दो दिन पर एक डॉक्टर आते हैं और सांस खिंचवा-खिंचवाकर चले जाते हैं ।
मास्क,साबुन और सेनेटाइजर, कुछ भी उन्हें नहीं मिला है ।किसी तरह उन्हें,उनके गाँव भेज दिया जाए ।घर के लोग ही उनकी बेहतर सुरक्षा कर सकते हैं ।पैदल चलकर वे लोग आए लेकिन खुद को स्वस्थ समझ रहे थे लेकिन इस जगह पर लग रहा है कि वे बीमार हो गए हैं ।अगर यही रफ्तार रही तो उनकी मौत हो जाएगी ।ये सभी मजदूर सत्तौर गाँव के रहने वाले हैं ।
वाकई मसला बेहद गम्भीर है सरकार और सिस्टम के बड़े ओहदेदारों को ऐसी स्थिति पर नजर गड़ाने की जरूरत है और सेंटर की उपयोगिता को काबिज करने की जरूरत है ।ऐसा ना हो कि अचानक कोरोना बम फटे और इसकी जद में अनगिनत लोग आ जाएं ।समय रहते सरकार को स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था को सुदृढ और उपयोगी बनाने की जरूरत है ।
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Comments are closed.