मुजफ्फरपुर : कोरोना और एईएस से लड़ने की दोहरी चुनौती, जिला प्रशासन की अनोखी पहल
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार का अभाग जिला मुजफ्फरपुर जो अभी कोरोना वायरस से लड़ रहा है लेकिन इस जिले को एईएस जैसी प्राणघाती बीमारी से भी लड़ना है, जिससे हर साल सैंकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है । मुजफ्फरपुर में हर साल सैंकड़ों बच्चों के लिए काल बनने वाली चमकी बुखार,यानि एईएस को लेकर अब जिला प्रशासन की एक अनोखी पहल की शुरुआत हुई है ।एईएस प्रभावित क्षेत्रों के अलग-अलग गाँव को गोद लेने का अधिकारियों ने निर्णय लिया है ।चमकी बुखार को लेकर,यह विशेष योजना, मुजफ्फरपुर के डीएम ने बनाई है ।
अभी जहाँ एक ओर पूरे विश्व के साथ भारत भी कोरोना वायरस की महामारी से जंग लड़ रहा है वहीँ बिहार राज्य का मुजफ्फरपुर जिला अब दो मोर्चो पर यह जंग लड़ रहा है ।दरअसल यहाँ का प्रशासन एक ओर जहाँ कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है,तो वहीँ दूसरी ओर बच्चों के लिए काल बन चुकी,संदिग्ध बीमारी चमकी बुखार,यानि एईएसने भी अब अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं ।6 से अधिक बच्चों के बीच में,इस बीमारी ने अपनी दस्तक लगा दी है ।एक बच्चे की इस बीमारी से मौत भी हो चुकी है ।
बच्चों के लिए काल बन चुकी,इस संदिग्ध बीमारी ने बीते साल 200 से अधिक बच्चों को निगल लिया था,तो 800 से अधिक बच्चे इसकी चपेट में आये थे ।अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर बेहद ही गंभीरता से काम करते हुए कोरोना और एईएस को लेकर साथ-साथ अभियान चलाने का कार्य शुरू किया है ।इसके लिए मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने पल-पल की रिपोर्ट के लिए कई कोषांग का भी गठन किया है ।
वहीँ सबसे महत्त्वपूर्ण निर्णय जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अपनी एईएस कोर कमिटी की लगातार बैठक के दौरान लिया है ।जिला के सभी पदाधिकारियों के साथ ही प्रखंड और पंचायत के अधिकारी एईएस प्रभावित गांव को गोद लेंगे और वे वहाँ जाकर,वहाँ की समस्याओं को देखने के बाद,उसके निराकरण का हर सम्भव कार्य करेंगे ।
वाकई यह सजगता और सतर्कता का एक विराट प्रयास है ।कोरोना की जंग में एईएस से लड़ना,एक बेहद बड़ी चुनौती है ।इस कठिन समय में डीएम का यह फैसला ना केवल उनकी दूरदर्शिता को जाहिर करता है बल्कि उनके दृढ़ संकल्प को भी बड़ा फलक देता है।
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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