सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: लॉक डाउन की वजह से घाटकेसर, कन्नुर व बोरीवली में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के प्रवासी श्रमिक सोमवार को स्पेशल ट्रेन से जसीडीह स्टेशन पहुंचे। बोरीबली (मुम्बई) से तकरीबन 23 घण्टे देर से ट्रेन जसीडीह पहुंची। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी विशाल सागर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विकास चंद्र श्रीवास्तव एवं अधिकारियों द्वारा सभी श्रमिकों व उनके परिजनों का अभिनंदन किया गया। सभी मजदूरों को ट्रेन से शारीरिक दूरी का पालन करते हुए उतारा गया। स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बने काउंटर में उनका थर्मल स्कैनिंग व स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई। गौरतलब है कि कन्नुर से देवघर के 282, गोड्डा के 215, पलामू के 183, हजारीबाग के 118, गिरिडीह के 114, साहेबगंज के 82, रांची के 69, पाकुड़ के 66, गढ़वा के 64, लातेहार के 54, जामताड़ा के 47, सिमडेगा के 33, गुमला के 26, लोहरदगा के 23, बोकारो के 20, दुमका के 19, कोडरमा के 17, खूंटी के 5, सरायकेला खड़सवां के 5, रामगढ़ के 4, पश्चिम सिंहभूम के 4, धनबाद के 3, पूर्वी सिंहभूम के 3, चतरा के 1, अन्य 7 प्रवासी श्रमिक शामिल हैं।
घाटकेसर से देवघर के 195, गोड्डा के 72, धनबाद के 42, पश्चिम सिंहभूम के 30, दुमका के 28, हजारीबाग के 25, रांची के 21, कोडरमा के 18, साहेबगंज के 18, बोकारो के 15, गिरिडीह के 11, गढ़वा के 8, गुमला के 7, जामताड़ा के 6, चतरा के 5, रामगढ़ के 5, पलामू के 3, पूर्वी सिंहभूम के 2, पाकुड़ के 2, लातेहार के 1, अन्य 22 प्रवासी श्रमिकों स्पेशल ट्रेन से जसीडीह स्टेशन लाया गया। वहीं मुंबई के बोरीवली से 1600 प्रवासी श्रमिकों का जसीडीह स्टेशन पर स्वागत किया गया। इस दौरान आने वाले सभी मजदूरों के बीच नास्ता, पानी का वितरण करते हुए सभी को 14 दिनों तक एकांतवास का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया। इसके उपरांत स्टेशन परिसर से अपने अपने जिलों के लिए निर्धारित सेनेटाइज्ड बसों में बैठाकर मजदूरों को घर के लिए रवाना किया गया।