सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कोरोना (Corona Pandemic) का कहर जारी है. लगातार दूसरे दिन जिले में 15 लोगों की जान कोरोना ने ले ली है. बुधवार को भी 15 लोगों की जान कोरोना वायरस (Coronavirus) ने ले ली थी. बीते 48 घंटों में 30 मौत से मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में दहशत कायम हो गया है.30 में से 12 मौतें उत्तर बिहार के बड़े अस्पताल श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (SKMCH) में हुई हैं.
निजी अस्पतालों में 10 लोगों ने दम तोड़ा है.8 लोगों की मौत उनके घरों में होम आइसोलेशन में हुई हैं. इस बीच ऑक्सीजन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. मुजफ्फरपुर के बेला इंडस्ट्रियल एरिया में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट है, जहां दिन-रात ऑक्सीजन सिलेंडर से भरे जा रहे हैं. प्लांट की सामान्य उत्पादन क्षमता 500 सिलेंडर की है, जबकि लिक्विड उपलब्ध होने पर 300 अतिरिक्त सिलेंडर भरे जाते हैं. जिले में बढ़ते कोविड-19 मरीजों की संख्या के मद्देनजर तकरीबन 1000 सिलेंडर प्रतिदिन ऑक्सीजन की आवश्यकता है.
ऑक्सीजन कोरोना से मौत का बड़ा कारण बन रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन का दावा है कि मुजफ्फरपुर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्र में उपलब्ध है. जिले के दामोदरपुर स्थित एक अन्य इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन प्लांट को मेडिकल सप्लाई की अनुमति दे दी गई है. लेकिन, एक संकट खड़ा हो गया है कि गाजियाबाद के प्लांट ने ऑक्सीजन लिक्विड के आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए हैं. ड्रग इंस्पेक्टर उदय बल्लभ का कहना है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाने की वजह से गाजियाबाद प्लांट में फिलहाल लिक्विड सप्लाई करने से मना कर दिया है.
बुधवार को जिले के एक निजी कोविड-19 हॉस्पिटल से ऑक्सीजन की कमी को लेकर मरीजों को डिस्चार्ज करने की खबरें आई. सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने उस अस्पताल में ऑक्सीजन के 20 सिलेंडर तत्काल मुहैया करवाएं वहीं निजी कोविड-19 अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर का कहना है कि उनकी जरूरतों के मुताबिक ऑक्सीजन उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. बीते 24 घंटों में जिन 15 लोगों ने दम तोड़ा है उसका दर्दनाक पहलू यह है कि जिले के दो बड़े व्यवसाई बंधुओं की मौत एक साथ हो गई.
जिले में इमरजेंसी ड्रग रेमडेसीविर को लेकर भी काफी बेचैनी की हालत है. मरीजों के परिजनों को यह दवा नहीं मिल रही है. उन्हें एक खास नंबर पर मैसेज करने और एक ईमेल आईडी पर मेल करने की बात कही जा रही है. मेल करने के बाद भी दवा उपलब्ध नहीं हो रही है. इस बीच रेमेडीसिविर और ऑक्सीजन की कालाबाजारी की खबरें भी उड़ने लगी है जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने ढाबा दल का गठन कर दिया है.
कोरोना के तूफानी संक्रमण को देखते हुए जांच केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ आ रही है. सदर अस्पताल के अलावे रेलवे स्टेशन, सभी पीएचसी और अन्य जांच केंद्र बनाए गए हैं. बीते 24 घंटों में 496 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जिले में कोविड-19 पॉजिटिव केसेस की संख्या साढ़े चार हजार को पार कर गई है, इसे देखते हुए जिला प्रशासन नए-नए कंटेनमेंट जोन बना रहा है लेकिन एक बड़ी लापरवाही यह हो रही है कि करीब डेढ़ सौ बसों से रोज दिल्ली से लोग मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं, जिनका टेस्ट नहीं हो रहा है और ये लोग सीधे अपने गांव पहुंच जा रहे हैं.
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