सिटी पोस्ट लाइव : बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार में कोरोना संकट के कारण बंद स्कूल और कोचिंग खोलने को लेकर अभी फैसला नहीं हो सका है। मुख्य सचिव दीपक कुमार की बुलायी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में आज इस पर कोई निर्णय़ नहीं लिया जा सका अब बैठक फिर से शुक्रवार को होगी।
बता दें कि आज ही हम प्रमुख और पू्र्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सरकार से स्कूल खोलने का आग्रह किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से कहा है कि स्कूल बंद होने से गरीबों के बच्चों को अधिक परेशानी है।
वहीं अगर मीडिया रिपोर्ट की माने तो शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है कि स्कूल खोले जाने चाहिये। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कोरोना का नेचर बदल रहा है। अभी दिल्ली में पहले कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ और फिर उसके मामले तेजी से बढ गये। अगर ऐसे में सरकार स्कूलों में बच्चों को आने की इजाजत दे दे और कुछ हुआ तो सरकार ही जिम्मेवार मानी जायेगी।
अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। इसके साथ ही उन्होंने उन प्राइवेट स्कूलों पर नाराजगी जाहिर कि जो सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। स्कूल खोलने की बात पर उन्होंने कहा कि सरकार एक क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक करेगी, उसमें ये देखा जायेगा कि समस्याओं को कैसे शॉर्टआउट किया जा सकता है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे पटरी पर आए सरकार इस पर काम करेगी।
वहीं शिक्षा विभाग का मानना है कि स्कूल व कोचिंग खोलने का निर्णय अकेले एक विभाग का नहीं है। इस मामले में राज्य क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को निर्णय लेना है। इसके बाद ही शिक्षा विभाग स्कूल खोलने का निर्णय लेगा। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बीते दिनों शिक्षा मंत्री को इस ग्रुप की बैठक बुलाने का आग्रह किया था।
बता दें कि इस साल अब तक स्कूल व कोचिंग खोले नहीं जा सके हैं। परीक्षाओं का आगामी सत्र शुरू होने वाला है। कक्षा एक से नौ तक की पिछले साल की परीक्षाएं भी नहीं हो सकी हैं। कक्षा एक से आठ तक के स्कूल बंद हैं। यही नहीं, उच्च कक्षाओं के सिलेबस को पूरा कराने की चुनौती भी है, लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों के हक में हुई जोखिम लेने को तैयार नहीं है।
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