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चाय की चुस्की, मीट-मांस से परहेज और गौ मूत्र कोरोना को रोकने में कितना कारगर?

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चाय की चुस्की, मीट-मांस से परहेज और गौ मूत्र कोरोना को रोकने में कितना कारगर?

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है.लेकिन इसको फैलने से रोकने के लिए और इसके इलाज के लिए कई तरह की बातें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं.वायरस से बचने के लिए कई तरह की भ्रामक सलाहें लोगों को दी जा रही हैं. सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि चाय का कप इस वायरस पर लगाम लगा सकता है.

इस दावे में चीन के डॉक्टर ली वेन्लियांग का हवाला दिया गया है जिन्हें इस वायरस के बारे में चेतावनी देने वाला हीरो माना जा रहा है. हाल में इसी वायरस के कारण उनकी मौत हो गई.इस दावे में ये कहा गया है कि डॉक्टर वेन्लियांग ने अपनी केस फाइल में लिखा है कि आम तौर पर चाय में पाया जाने वाला तत्व – मिथाइलज़ेन्थाइन – वायरस के असर को कम करता है.

इस कारण चीन के अस्पतालों ने कोविड 19 से जूझ रहे अपने मरीज़ों को दिन में तीन बार चाय देना शुरू कर दिया है. चाय में मिथाइलज़ेन्थाइन्स नाम का एक तत्व मिलता है जो कॉफी और चॉकलेट में भी मिलता है.लेकिन ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि डॉक्टर वेन्लियांग इस संबंध में कोई रिसर्च कर रहे थे. वो वायरस के एक्सपर्ट नहीं थे बल्कि आंखों के सर्जन थे.न ही चीन के अस्पताल कोविड 19 के अपने मरीज़ों को ख़ास तौर पर चाय पिला रहे हैं.चीन में भी फरवरी में इस तरह की कुछ रिपोर्ट आई थीं जिनमें दावा किया गया था कि चाय के इस्तेमाल से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन ये दावा सही नहीं है.

एक समूह ने दिल्ली में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दिल्ली में गोमूत्र पीने के कार्यक्रम का आयोजन किया था.भारत में कई बीमारियों के इलाज के लिए गोमूत्र और गाय के गोबर को पारंपरिक नुस्खे के तौर पर बढ़ावा दिया जाता रहा है.सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की एक सांसद सुमन हरीप्रिया ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए भी इसके इस्तेमाल की सलाह दे डाली है.उन्होंने कहा, “गाय के गोबर से कई फ़ायदे मिलते हैं. मुझे लगता है कि ये कोरोना वायरस को भी ख़त्म कर सकता है. गोमूत्र भी मददगार हो सकता है.”गोमूत्र के संभावित एंटी-बैक्टीरियल गुणों को लेकर पहले भी कई तरह के अध्ययन हो चुके हैं.

2018 से काउपैथी गाय के गोबर से बने साबुन के अलावा अल्कोहल-फ्री हैंड सैनिटाइजर ऑनलाइन बेच रही है, जिनमें देसी गायों का गोमूत्र मिलाया जाता है.फिलहाल ये ऑनलाइन आउट ऑफ स्टॉक दिखा रहा है. प्रोडक्ट के पेज के मुातबिक, “मांग बढ़ जाने की वजह से अब हम प्रति ग्राहक उत्पाद बेचने की सीमा तय कर रहे हैं, ताकि सभी ग्राहकों को उत्पाद मिल सके.”

बाबा रामदेव ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल पर लोगों को घर में ही हर्बल हैंड सैनिटाइजर बनाने की सलाह दी है.उन्होंने ये भी कहा कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी गिलोय, हल्दी और तुलसी के पत्तों के सेवन से कोरोना वायरस को रोकने में मदद मिल सकती है.लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमरीका के डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक़ अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना ज़रूरी है.लेकिन  लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में प्रोफेसर सैली ब्लोमफिल्ड के मुताबिक कोई भी घर में बनाया गया सैनिटाइज़र कारगर नहीं होगा, क्योंकि वोडका तक में सिर्फ़ 40 प्रतिशत अल्कोहल होता है.

बीते दिनों हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लोगों से मीट ना खाने की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, “शाकाहारी रहें.””अलग-अलग तरह के जानवरों का मांस खाकर मानवता के लिए ख़तरा बनने वाले कोरोना वायरस जैसे वायरस पैदा ना करें.”वहीं एक हिंदू राष्ट्रवादी समूह का दावा है कि कोरोना वायरस मांस खाने वाले लोगों को सज़ा देने के लिए आया है.लेकिन जब पशुधन उत्पादन का काम देखने वाले मंत्रालय ने कहा कि अंडे और चिकन की बिक्री कम हो गई है, तब भारत सरकार की फैक्ट चेकिंग सर्विस ने इस दावे का खंडन करते हुए पोस्ट किया.और सरकार के मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि भारतीय खाद्य नियामक को इसका कोई सबूत नहीं मिला है.उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस मछली, चिकन और अंडा खाने से नहीं फैलता है. चिकन और फिश के अलावा अंडा आपके प्रोटीन का अहम स्रोत है. इसलिए इसे बिना डर के खाइए.”

कुछ कारोबारी ये कहकर सामान बेच रहे हैं कि इससे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.उदाहरण के लिए 15 हज़ार रुपए में “एंटी कोरोना वायरस” गद्दे बेचे जा रहे हैं कंपनी का दावा है कि यह एंटी-फंगल, एंटी-एलर्जिक, डस्टप्रूफ और वाटरप्रूफ है, इसलिए इसके अंदर कुछ भी नहीं जा सकता है.”लेकिन इस गद्दे के विज्ञापन को अब हटा लिया गया है.उन्होंने कहा, “मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता. विरोध होने पर हमने इसे हटा दिया.”

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