City Post Live
NEWS 24x7

बिहार में काबू में कोरोना, अब नए मामले कम आ रहे, तेजी से स्वस्थ हो रहे लोग.

तेजी से ठीक होने लगे कोरोना मरीज? विपक्ष के 'हेराफेरी' के आरोप को सरकार ने किया खारिज.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार ओ तेजी से सफलता मिल रही है.अब जितने नए संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं उससे दो गुना ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं.सोमवार को 4034 कोरोना मरीज (Corona patient) ठीक हुए जबकि 3257 नये केस मिले. इसी तरह रविवार को कोरोना के 2525 नये केस पाये गये, और 24 घंटे में 4140 संक्रमित स्वस्थ हुए. जाहिर है राज्य में कोरोना जांच की बढ़ रही क्षमता के बाद भी कोविड पॉजिटिव (Covid positive) की संख्या में इजाफा नहीं होने से लोगों को हैरानी हो रही है.

सरकार का दावा है कि कोरोना की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर होती जा रही है . रिकवरी रेट भी बढ़कर 73 प्रतिशत पहुंच चुका है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey)  का कहना है कि सरकार लगातार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास कर रही है. जांच की संख्या बढ़ने के बाद भी पॉजिटिव केस की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है.मंगल पांडे के अनुसार हर कोई बेफिक्र होकर जांच करवाने पहुंच रहा है और सबसे बड़ी वजह है कि लोग जानते हैं कि होम आइसोलेशन की सुविधा मिल रही है, ऐसे में संकोच नहीं कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में सवा 5 सौ वेंटिलेटर मंगवाए गए हैं और संख्या बढ़कर 900 से ज्यादा हो गयी है.  जल्द ही राज्य सरकार को भारत सरकार नई कोबास 800 मॉडल की 2 मशीनें भी मुहैया करवा रही है. इस मशीन के आने के बाद एक बार में 3600 सैम्पल की जांच हो सकेगी.

पीएमसीएच के चिकित्सकों की माने तो शुरुआत में सिर्फ आरटीपीसीआर से जांच हो रही थी. लेकिन अब रैपिड एंटीजन से भी हर जगह जांच की जा रही है. उनके अनुसार  रैपिड किट से सेंसिटिविटी ज्यादा होती है लेकिन डाटा में कोई हेर फेर नहीं हो रहा है.बड़ी संख्या में सस्पेक्टेड मरीज जांच करवा रहे हैं जिससे टेस्टिंग की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन पॉजिटिव की संख्या में कमी आ रही है।वहीं डॉक्टरों ने यह भी बताया कि लगातार रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है.

हालांकि विपक्ष इसे आंकड़ों की बाजीगरी बता रहा है. तेजस्वी यादव ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, बिहार में जब 10 हजार जांच हो रही थी तो 3000-3500 मरीज मिल रहे थे. अब 75 हजार जांच हो रही है तब भी लगभग 3500-4000 मरीज मिल रहे हैं. इसका सीधा मतलब है जांच में झोल-झाल हो रहा है,आंकड़ों की हेरा फेरी हो रही है. अब विपक्ष द्वारा रिकवरी रेट को लेकर भी सवाल उठाया जा रहा है और इसे भी नीतीश सरकार की हेराफेरी बता रहा है.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.