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बिहार में भी प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना का ईलाज, शुरू हो चुकी है तैयारी.

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बिहार में भी प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना का ईलाज, शुरू हो चुकी है तैयारी.

सिटी पोस्ट लाइव :अब बिहार में अगले 7 दिनों में प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy)से कोरोना ईलाज शुरू होगा. बिहार प्लाज्मा थेरेपी करने वाला देश का पांचवा राज्य होगा. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि एम्स पटना (Patna AIIMS) ने आईसीएमआर (ICMR) को प्रस्ताव भेज दिया है और आईसीएमआर ने जांच पड़ताल भी कर ली है और भरोसा दिया है कि 7 दिनों में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी.

मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस का ईलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा. इसको लेकर एम्स पटना ने कर्मियों को प्रशिक्षण देने से लेकर संसाधनों की पूरी तैयारी कर ली है. देश में केरल, मध्यप्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में इस थेरेपी की शुरुआत हो गई है हांलाकि अब शत प्रतिशत सफलता का किसी राज्य ने दावा नहीं किया है. बिहार में भी संक्रमित मरीजों की संख्या 549 तक पहुंच गई है और बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स प्रशासन ने पूरी तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है.

बिहार सरकार की इस पहल का डॉक्टरों ने भी स्वागत किया है. आईएमए के वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने भी एम्स प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है.उन्होंने कहा है कि बिहार में न तो कुशल चिकित्सकों की कमी है और ना ही संसाधनों की . कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी वास्तव में वरदान साबित होगा.इसके जरिये काफी हद तक संक्रमित मरीजों का इलाज सम्भव हो सकेगा.

इस थेरेपी में जो लोग कोरोना वायरस से जंग जीत चुके हैं तो उन्हीं के खून से प्लाज्मा निकाल दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को डोनेट किया जाता है. जिन लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो जाता है उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और फिर वैसे लोग प्लाज्मा डोनेट करते हैं तो उनके ब्लड से प्लाज्मा को अलग कर दिया जाता है. स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है जो उस वायरस से लड़ने में सक्षम होती है, प्लाज्मा के जरिये इससे दूसरे रोगियों में भी एंटीबॉडीज पैदा होने लगती हैं.

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