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अस्पताल में तड़प तड़प कर ईलाज के बिना कोरोना मरीज की मौत की दहलाने तस्वीर.

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सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना महामारी के ईलाज को लेकर सरकार  द्वारा की गई व्यवस्था की जो तस्वीर आज सामने आई है,वह हिला देने के लिए काफी है.पटना के covid -19 अस्पताल परिसर में एक कोरोना मरीज ने तड़प तड़प कर जान दे दी लेकिन अस्पताल का कोई कर्मी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया.सभी तमाशबीन बने रहे.कोरोना से पीड़ित को तड़पते छटपटाते देखते रहे.यह तस्वीर सरकार के सारे दावों का पोल खोल देने के लिए काफी है.

NMCH अस्पताल परिसर में कोरोना पीड़ित बुजुर्ग मरीज मेडिसिन विभाग के गेट के पास तड़पता रहा. मरीज के परिजनों ने उसे भरसक उठाने की कोशिश की पर अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने उसे हाथ लगाना उचित नहीं समझा. अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी मूदर्शक बने रहे.मरीज की  तड़प-तड़प कर मरीज की मौत हो गयी. खबर के अनुसार सारण जिले के नौतन निवासी 58 वर्षीय बुजुर्ग कन्हैया प्रसाद 17 जून को गंभीर हालत में एनएमसीएच में भर्ती कराए गए थे. कोरोना जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जनरल वार्ड से मेडिसिन विभाग में भर्ती कराने का निर्देश डॉक्टर ने दिया.लेकिन उन्हें वार्ड में शिफ्ट कराने के लिए कोई अटेंडेंट नहीं आया.

मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के वार्ड अटेंडेंट ने मरीज को ट्रॉली तक नहीं दी. अंत में मजबूर होकर मरीज के परिजन मरीज को अपने साथ लेकर मेडिसिन विभाग की तरफ चल पड़े, लेकिन मेडिसिन विभाग के गेट पर ही बुजुर्ग मरीज गिर पड़े, और तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो गयी.कन्हैया प्रसाद सांस की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें तेज बुखार भी था. अगर अस्पताल में समय पर उनका इलाज किया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. मृतक के पुत्र ने राज्य सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है.अस्पताल प्रशासन भी मानता है कि अस्पताल प्रशासन से चुक हुई है. मरीज को शिफ्ट करने का काम अटेंडेंट का था.वार्ड अटेंडेंट को हर हाल में मरीज के साथ होना चाहिए था.

अस्पताल अधीक्षक पूरे मामले की जांच किए जाने का भरोसा दिलाते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने की बात तो कर रहे हैं लेकिन इस बात का जबाब उनके पास नहीं है कि जिसकी जान चली गई उसकी भरपाई सरकार कैसे कर पायेगी. अस्पताल परिसर में  मरीज आधे घंटे तक इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर जाना पुरी स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने के लिए और सरकार की व्यवस्था के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है.

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