भागलपुर में दवा दूकान के काउंटर पर Corona मरीज ने तोड़ा दम.
घंटों वहीँ पड़ा रहा शव लेकिन 4 घंटे तक कोई नहीं आया शव उठाने, उठा शासन-प्रशासन पर सवाल.
सिटी पोस्ट लाइव : भागलपुर में कहाँ के डीएम से लेकर डीपीआरओ तक संक्रमित हो चुके हैं, वहां पर कोरोना का आतंक लोगों से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों के सर चढ़कर बोल रहा है.कोरोना से संक्रमण के डर से कोई किसी की मदद करने को तैयार नहीं है.भागलपुर में राह चलते सड़क पर हुई एक व्यक्ति की मौत के बाद जो तस्वीर सामने आई है, वह दहशत पैदा करने के लिए काफी है. भागलपुर दवाई पट्टी इलाके में एक दवा दूकान पर इन्हेलर लेने पहुंचे कोरोना के मरीज ने दुकान की चौखट पर ही दम तोड़ दिया. प्रसिद्ध दवा दुकान आत्माराम मेडिकल हॉल में मरीज इन्हेलर लेने पहुंचा था. शख्स सांस की बीमारी से भी पीड़ित था. जैसे ही वह इन्हेलर लेकर दुकान से निकलने की कोशिश की, वहीँ गिरकर मर गया.
मौत के बाद हुई जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है.लेकिन जब उसकी मौत हुई किसी को नहीं पता था कि वह संक्रमित है. दुकान में काफी भीड़ थी.यह व्यक्ति अपनी पारी का इंतज़ार कर रहा था.अचानक वहीं दवा दुकान दूकान के काउंटर के आगे गिर गया और उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद 4 घंटे तक उनका शव दुकान के आगे ही पड़ा रहा, लेकिन कोई उठाने के लिए सामने नहीं आया. एक अम्बुलेंस आया लेकिन शव देखकर भाग गया.बाद में स्थानीय पार्षद एवं डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने दो मजदूरों को पीपीई किट पहनाकर शव को उठवाया.
इस घटना ने मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख दिय है वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था और जिला प्रशासन पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं.दवा दुकानदार कृष्ण कुमार ने मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के आला अफसरों तक को फोन किया, लेकिन कोई सुध नहीं ली गई. कोरोना एंबुलेंस आई लेकिन अपना केस न बताकर मौके से चली गई. कोतवाली थाना पुलिस सहित पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन शव उठाने की दिशा में किसी तरह की कवायद नहीं हुई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई लेकिन किसी ने कोरोना संक्रमण के डर से उसे हाथ नहीं लगाया.
शहर के डिप्टी मेयर ने ही पहल करते हुए शव को दुकान से हटवाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां शव का कोविड 19 का सैंपल लेने के बाद पोस्टमार्टम किया गया. टेस्ट के दौरान मृतक का कोरोना टेस्ट सैंपल पॉजिटिव पाया गया. मरने वाले की पहचान 47 साल के मो. तनवीर के रूप में कई गयी जो शाहकुंड के खैरा गांव का रहने वाला था और 18 मई को ही दिल्ली से आया था.इस मामले में डिप्टी मेयर ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की व्यवस्था को आड़े हाथों लिया और इसे अमानवीय करार दिया. नगर विधायक अजित शर्मा ने सूबे की सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पर भी निशाना साधा है.
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