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कोरोना से जंग जीतने के बाद कोरोना मरीजों के लिए खोला ऑक्सीजन बैंक

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना से जंग जीतनेवाले से भला ज्यादा कौन समझेगा कोरोना मरीजों का दुःख दर्द.लेकिन पटना के एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ने जंग जितने के बाद दूसरे कोरोना पीड़ितों की मदद की ठान ली. गौरव कुमार कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) होने के बाद अचानक सांस लेने में दिक्कत महसूस करने लगे. पीएमसीएच में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उनकी पत्नी  अरुणा को दर-दर की ठोकरें खानी पडी. किसी भी तरह कई पैरवी करने के बाद गौरव को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल पाया और वह धीरे-धीरे ठीक होने लगे.

कोरोना से उबरने के बाद गौरव और उनकी पत्नी अरुणा ने कोरोना पीड़ितों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की  मुहिम शुरू कर दी है. दोनों पति-पत्नी ने अब ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक बनाना शुरू किया. यह बैंक ऑक्सीजन सिलेंडर इकट्ठा करता है और जरूरतमंद लोगों को मुहैया कराते है.गौरव ने इस मुहिम को शुरू करने के लिए अपने कुछ नजदीकी दोस्तों से मदद ली. आज गौरव के पास ऑक्सीजन के 30 सिलेंडर हैं. कोई भी गौरव को यदि फोन करता है तो गौरव खुद अपनी गाड़ी से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर उनके घर तक पहुंचते हैं या फिर जिस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती होते हैं वहां पहुंचकर उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराते हैं. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर में आने वाले जितने भी इक्विपमेंट्स है वो भी गौरव ही देते हैं. बकायदा गौरव ने ऑक्सीजन लगाने की ट्रेनिंग ली है और खुद से मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाते हैं.

गौरव कुमार राय आज कोरोना संक्रमित मरीजो  के लिए एक सहारा बन गए हैं. जब सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिलती है तो गौरव ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचते हैं. गौरव बताते हैं कि जिस तकलीफ से पीएमसीएच में उन्होंने वक्त गुजारा है वो तकलीफ अब दूसरे मरीजों को ना हो यह उनका लक्ष्य है. गौरव उन मरीजों को ज्यादा तरजीह देते हैं जो काफी बुजुर्ग और अक्षम हैं. गौरव प्राइवेट फर्म में काम करते है लेकिन इनकी सैलरी का ज्यादा भाग इसी काम मे खर्च होता है.एक साथ कई बीमारियों से लड़ने वाले गौरव आज पटना में समाज सेवा के रूप में एक जाना माना नाम हो चुके हैं.

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