City Post Live
NEWS 24x7

आईजीआईएमएस-पीएमसीएच में राम भरोसे हैं कैंसर मरीज, कीमोथेरेपी-सेंकाई बंद

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के संक्रमण काल में दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोग बहुत परेशान हुए हैं. पीएमसीएच आने वाले कैंसर मरीजों की संख्या में 45 फीसदी की कमी आई है. कोविड काल से पहले जहां पीएमसीएच के कैंसर विभाग की ओपीडी में औसतन 40-50 मरीज आते थे, वहीं अभी 22-25 मरीज ही रोज आ रहे हैं. कीमोथेरेपी व सेंकाई कराने वालों की संख्या में भी 40 से 45 % की कमी आई है. ऐसे में पीएमसीएच में अभी 750 मरीजों की कीमोथेरेपी एवं 900 मरीजों की सेंकाई पेंडिंग है. जबकि, आईजीआईएमएस के कोविड अस्पताल बन जाने के बाद यहां 4550 मरीजों की कीमोथेरेपी, 600 की सेंकाई और 350 की सर्जरी पेंडिंग है.

सूत्रों के अनुसार कहने के लिए तो PMCH एक सरकारी अस्पताल है और यहाँ मरीजों के मुफ्त ईलाज की व्यवस्था है.लेकिन सच्चाई ये है कि कैंसर विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि यहां मरीज को अपने भरोसे ही भर्ती कीजिए। सुई-दवा भी खुद से लाना पड़ता है. हालत ज्यादा बिगड़ती है, तो मरीज को ही इमरजेंसी में दौड़ना पड़ता है. मरीजों का भी कहना है कि यहां कुछ इलाज नहीं होता है. डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं आते हैं. यहां कैंसर मरीज और उनके परिजन एक ही बेड पर सोने को मजबूर हैं. अटेंडेंट के लिए अलग से कोई भी सुविधा नहीं है.

पीएमसीएच में भारती ज्यादातर मरीजों की यहीं शिकायत है कि डॉक्टर नहीं आते और कोई दवा नहीं मिलती.बाहर से खरीद कर दवा मंगानी पड़ती है.केवल मरीज ही शिकायत नहीं कर रहे बल्कि यहाँ काम करनेवाली नर्सेज भी स्वीकार करती हैं कि पीएमसीएच के कैंसर विभाग में भर्ती मरीजों को देखने डॉक्टर नहीं आते है. सिटी पोस्ट लाइव की टीम ने पाया कि पिछले तीन दिनों से वार्ड में नर्स भी मरीज को देखने नहीं आई हैं. भर्ती मरीज को कुछ जरूरत भी पड़ेगा तो कौन उन्हें देखेगा, कोई व्यवस्था नहीं.मरीजों के परिजनों के अनुसार अस्पताल से मरीज को एक भी दवा नहीं मिलती है. अगर मरीज को किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो डॉक्टर से कहने में डर लगता है.डॉक्टर ज्यादा परेशान करने पर यहां से भगा देने की धमकी देते रहते हैं.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.