सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में ब्लैक फंगस यानि म्यूकॉरमाइकोसिस को महामारी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अब ब्लैक फंगस भी एपिडमिक एक्ट 1897 के तहत महामारी की श्रेणी में आ जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के अनुसार इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही इसे अधिसूचित कर दिया जाएगा.महामारी घोषित होने के बाद सरकार को ब्लैक फंगस के हर मामले, मौतों और दवा का हिसाब रखना होगा. कोरोना महामारी की तरह ही अस्पतालों को मरीजों का डेटा सरकार को भेजना होगा. ऐसा नहीं करनेवाले अस्पतालों पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत अधिसूचित बीमारी माने. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस बीमारी के सभी मामलों की सूचना केंद्र को दें.इसके साथ ही बिहार में इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. इससे पहले राज्य सरकार एम्स पटना व आईजीआईएमएस को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित कर चुकी है. दोनों ही जगहों पर विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है.
अभी तक दिल्ली, कर्नाटक, उत्तराखंड, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और बिहार में ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं. इनमें से राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना में इसे महामारी घोषित किया जा चूका है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह राज्य में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए तीन केंद्र तैयार करेगी. ये केंद्र लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल, गुरु तेगबहादुर अस्पताल और राजीव गांधी अस्पताल में होंगे. इसके अलावा कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु ने ब्लैक फंगस को नोटिफियेबल डिजीज घोषित किया है.
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