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कोरोना के भीषण संकट के बीच बिहार में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही उजागर.

कहीं मरीज जमीन पर करा रहे इलाज, कहीं लाखों के बेड फांक रहे धूल, कौन है जिम्मेवार?

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में कोरोना संक्रमण के इस दौर में एक तरफ  मरीजों को बेड नसीब नहीं हो रहा है.अस्पतालों में भीड़ बढ़ने पर जमीन पर ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में एक-एक बेड के लिए भटकना पड़ रहा है. लेकिन दूसरी तरफ कई हाई-टेक बेड पटना सिटी के गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के एक कोने में धूल फांक रहे हैं. छह माह पहले इन सभी बेड की खरीदारी की गई थी. इस उम्मीद के साथ कि मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा लेकिन अभी तक इनका इस्तेमाल नही किया जा सका है. बेड अस्पताल में लावारिस हालात में रखे हैं. इन बेड पर लगने वाला फोम का सीट भी रखे-रखे खराब हो गया है.

इस तरह के बेड का इस्तेमाल ICU में किया जाता और यह काफी महंगे भी होते हैं लेकिन गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में इन बेड पर मरीज के इलाज के बजाय यह धूल फांक रहे हैं.अस्पताल के अधीक्षक पशुपति प्रसाद सिंह से जब इस संबंध में पूछा गया तो पहले तो वह इधर-उधर बातों को घुमाने लगे. बाद में उन्होंने माना कि मरीजों के इलाज के लिए बेड दिसंबर में ही मंगाए गए थे. जगह की कमी के कारण लगाया नहीं गया है. अब जल्द ही ही इन सभी बेड को मरीजों के इस्तेमाल के लिए लगा दिया जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग में इस तरह के लापरवाही का मामला सिर्फ एक अस्पताल में नही है. बिहार के अस्पतालों में कहीं वेंटिलेटर धूल फांकते नजर आते हैं तो कहीं एम्बुलेंस. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने यह अस्वाशन जरूर दिया है कि जल्द ही सभी बेड को मरोजों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाएगा.

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