सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना के संकट की चुनौती को कमाई के अवसर में बदलनेवाले एक डॉक्टर को पकड़ा गया है.यह मरीजों की जान बचाने के लिए मिल रहे ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा था. एक ऑक्सीजन सिलेंडर को वो 50 से 60 हजार रुपए में बेचा करता था. इस बात की भनक बिहार की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) को लगी. जिसके बाद डीएसपी रजनीश और भास्कर रंजन की टीम ने पटना के शास्त्री नगर थाना इलाके में चल रहे मल्टी स्पेशलिस्ट यूनिक हॉस्पिटल में गुरुवार की देर शाम छापेमारी की.
टीम ने हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर अबुल वफा को रंगे हाथ कालाबाजारी करते हुए पकड़ा. इसके पास से ऑक्सीजन से भरी हुई सिलेंडर भी बरामद की. इससे हुई पूछताछ और मिले कनेक्शन के आधार पर टीम ने कालाबाजारी के धंधे में शामिल धनरुआ के सांडा के रहने वाले धुपेंद्र कुमार और किशनगंज जिले के झांगे डिगी के रहने वाले राजू कुमार को पकड़ा. टीम ने इनके पास से ऑक्सीजन से भरे कुल 7 जम्बो सिलेंडर और दो छोटे सिलेंडर, कई रेगूलेटर, एक बाइक और एक मालवाहक गाड़ी जब्त बरामद किया है.
EOU के अधिकारियों के अनुसार अबुल वफा एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट है. उसने यूनिक हॉस्पिटल खोल रखा है. इसके पिता मो. अब्दुलाह मुजफ्फरपुर जिला परिषद के सदस्य हैं. फिलहाल अबुल पटना के सकुर कॉलोनी में रह रहा था. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे अबुल वफा के काले कारनामे भी सामने आए. टीम को पता चला कि पिछले साल 2020 में मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना में अबुल वफा के उपर एक FIR 194/20 दर्ज हुई थी.
इस पूरे मामले पर लगातार नजर रख रहे EOU के ADG नैयर हसनैन खान ने ड्रग इंस्पेक्टर को मौके पर बुलवाने का आदेश दिया. अब हॉस्पिटल से लेकर उसके घर व दूसरे ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. ADG के अनुसार अब इस बात की पड़ताल की जा रही है कि आखिर किस आधार पर और कितना ऑक्सीजन पकड़े गए डॉक्टर अबुल के हॉस्पिटल को मिल रहा था? क्या इसका हॉस्पिटल कोरोना मरीजों की जांच के लिए पटना जिला प्रशासन की तरफ से परमिट किए गए 90 हॉस्पिटल्स की लिस्ट में शामिल था? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं.
टीम की कार्रवाई अभी लगातार जारी है. ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए इसके पूरे स्टॉक को अब खंगाला जा रहा है. आशंका है कि आगे की जांच और पड़ताल में कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
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