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अमरीका में 1.47 लाख लोगों की जा सकती है जान, अमरीकी सीनेट में चीन पर बैन की धमकी.

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अमरीका में 1.47 लाख लोगों की जा सकती है जान, अमरीकी सीनेट में चीन पर बैन की धमकी.

सिटी पोस्ट लाइव :अगस्त महीने की शुरुआत तक अमरीका में एक लाख 47 हज़ार लोगों की जान जा सकती है.यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन इंस्टिट्यूट फोर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युशन (आईएचएमई) का कहना है कि अमरीका में कोरोना वायरस के संक्रमण से अगस्त महीने की शुरुआत तक एक लाख 47 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो सकती है.IHME की यह स्टडी मंगलवार को सार्वजनिक हुई है. अमरीका में कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों लेकर IHME के पहले के अनुमान से यह संख्या दस हज़ार ज़्यादा है.

IHME के शोधर्कताओं ने कहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए लगी पाबंदी में ढील में देना और ख़तरनाक हो सकता है. अमरीका में अब तक कोरोना वायरस 82,246 की जान ले चुका है.IHME के इस अनुमान से साफ़ है कि अमरीका में संकट लगातार गहारते जा रहा है. मंगलवार को अमरीकी सीनेट में व्हाइट हाउस के कोविड 19 टास्क फोर्स के प्रमुख एंथोनी फाउची ने भी कहा कि लॉकडाउन को खोलना अमरीका के लिए ख़तरनाक साबित होगा.

इस बीच अमरीकी सीनेट में चीन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है. रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने मंगलावर को ऐसा क़ानून लाए जाने का प्रस्ताव रखा जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चीन पर प्रतिबंध लगाने की ताकत देगा. सांसदों ने कहा कि अगर चीन कोरोना वायरस संक्रमण की ‘पूरी जानकारी’ नहीं देता है तो ऐसा होना चाहिए.सांसद जिम इनहोफ़ ने अपने एक बयान में कहा, “चीन की कम्युनिस्ट सरकार को इस वैश्विक महामारी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया ही जानी चाहिए क्योंकि इसमें उसकी भूमिका सुनिश्चित हो चुकी है. चीन ने संक्रमण की शुरुआत के बारे में पूरी तरह से धोखा दिया है और इस धोखे की वजह से दुनिया का कीमती वक़्त और ज़िंदगियां बर्बाद हुई हैं.”

प्रस्तावित क़ानून का नाम ‘कोविड-19 अकाउंटिबिलिटी बिल’ है.प्रस्तावित क़ानून के तहत राष्ट्रपति ट्रंप को 60 दिनों के भीतर संसद को बताना होगा कि चीन ने संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी दे दी है और इस सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र या उससे जुड़े संगठन (जैसे कि डब्ल्यूएचओ) अपनी जांच शुरू कर सकते हैं.क़ानून के तहत ट्रंप को ये भी साबित करना होगा कि चीन ने अपने सबसे ज़्यादा ख़तरे वाले ‘वेट मार्केट’ (पशु बाज़ार) बंद कर दिए हैं और कोविड-10 संक्रमण के बीच गिरफ़्तार किए गए हॉन्ग-कॉन्ग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है.

अगर ये सारी बातें साबित नहीं होती हैं तो डोनाल्ड ट्रंप के पास चीन पर कई तरह की गंभीर पाबंदियां लगाने का अधिकार होगा. जैसे कि संपत्ति फ़्रीज़ करने, यात्रा पर पाबंदी लगाने और वीज़ा रद्द करने, चीनी कंपनियों को अमरीकी बैंकों और बाज़ारों तक पहुंचने से रोक लगाने का अधिकार.

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