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पानी भरे गहरे गड्ढे में डूबने से युवक की हुई मौत, नहीं मिली कोई प्रशासनिक मदद

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सिटी पोस्ट लाइव: गया जिले के मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के ज्ञानखाप गांव के शिवगंज टोला के रहने वाले 23 वर्षीय पंकज कुमार की रविवार की सुबह पानी भरे गहरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई. सुबह से लेकर शाम करीब चार बजे तक युवक का शव गड्ढे के अंदर ही पड़ा रहा. लेकिन, घटनास्थल पर मौजूद पुलिस मदद को आगे नहीं आई. वह भीड़ को काबू करने में ही लगी रही. उल्टा यहां तक यह कह दिया कि अब कुछ नहीं हो सकता गोताखोर सोमवार को आएंगे तभी शव को निकाला जायेगा.

वहीं, घटना के बारे में बताया जा रहा है कि, पंकज कुमार अपने तीन दोस्तों के साथ गड्ढे में नहाने के लिए छलांग लगाया. उसके तीनों दोस्त पिंटू कुमार, उदय कुमार और पवन कुमार तैर कर पानी से बाहर आ गए और पंकज पानी में डूब गया. इस बीच उसके दोस्तों ने उसे बचाने का भी प्रयास किया लेकिन वे लोग बचा नही पाए. इस बीच पंकज के पानी में डूबने की खबर गांव में पहुंची तो अफरातफरी मच गई. स्थानीय थाने को सूचना दी गई लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस की हिम्मत गड्ढे में लबालब पानी देख टूट गई.

उसने गोताखोरों को बुलाने के लिए संपर्क साधा पर उसे गोताखोर नहीं मिले. वहां आसपास गांव के लोग भी मौके पर जुट गए. लेकिन, किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उस आहर में कूद कर पंकज के शव को निकाल लें. इसी उधेड़ बुन में सुबह से शाम होने को हो गई. गांव वालों का कहना है कि एक सिविल ड्रेस में अधिकारी मौके पर आए और कह गए कि अब रात भर इंतजार किजिए अब सोमवार की सुबह ही कुछ होगा. यह बात सुनते ही पंकज के पिता व उसके घरवाले दहाड़ मारकर रोने लगे. वहीं, पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

पंकज के घरवालों को रोते बिलखते देख शाम चार बजे गांव के कुछ लड़के आहर में कूद पड़े. करीब आधा घंटे की मेहनत के बाद उन लड़कों ने पंकज को शव को निकाल लिया लेकिन मौके पर खड़ी पुलिस से कुछ भी नहीं हो सका. घटनास्थल पर बोधगया एसडीपीओ अजय कुमार, अंचलाधिकारी कमल नयन कश्यप, एमयू थानाध्यक्ष रेखा कुमारी सहित पुलिस बल मौजूद थे. एसडीपीओ अजय कुमार ने पंकज के पिता मिथलेश यादव से उसके पोस्टमार्टम कराने की बात कही तो मिथलेश यादव व परिजनों ने मना कर दिया. साथ ही किसी भी सरकारी सहायता लेने से साफ मना कर दिया. मिथलेश यादव ने प्रशासन के लोगों से कहा कि मुझे कोई भी सरकारी मदद नहीं चाहिए.

                                                                                                                                      गया से जितेन्द्र कुमार की रिपोर्ट 

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