सिटी पोस्ट लाइव : पटना कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी इस पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। आलम ये है कि राजधानी के वीवीआईपी इलाके में भी कचरे का अंबार दिखता है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम यानि सुशील कुमार मोदी के इलाके में लोग कचरे का डंपिंग यार्ड बना दिए जाने से खासे परेशान हैं। लोगों को अब कचरे के बीच कोरोना और डेंगू जैसी महामारियों का डर सताने लगा है।
थोड़ा पीछे जाए तो आपको दो साल पहले की घटना याद होगी। राजधानी पटना का एक बड़ा इलाका भीषण जलजमाव की चपेट में आ गया था। तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी उस जलजमाव की चपेट में आ गये थे और घर से हाफ पैंट में किसी तरह बच-बचा कर निकले थे। तब इस मसले पर काफी हो-हल्ला मचा था।
नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ् गयी थी। परिणाम स्वरूप नगर विकास विभाग और पटना नगर निगम के कई अधिकारी नप गये थे। लेकिन अब इसी इलाके के लोगों को एक नई परेशानी का सामना करना प़ड़ रहा है। जी हां पटना के राजेन्द्र नगर का इलाका कचरा के डंपिंग यार्ड के रूप में तब्दील हो गया है।
राजेन्द्रनगर के जिस इलाके में जिस जगह को पार्क बनाने का भरोसा स्थानीय लोगों को दिलाया गया वहां आज कचरा का डंपिग यार्ड बन गया है। स्थानीय लोग परेशान हैं। पार्क की जिस जमीन पर कचरा गिराया जा रहा है उसके एक तरफ हॉस्पिटल है तो दूसरी तरफ बैंक की बिल्डिंग । इलाके में चारों तरफ बड़े-बड़े बिल्डिंग और अपार्टमेंट खड़े है लेकिन कचरा का ये डंपिंग यार्ड लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है।
कचरा की वजह से सुबह से शाम तक पूरे मुहल्ले में बदबू फैली रहती है। वहीं बीमारियों का डर यहां के लोगों को सता रहा है सो अलग। लोगों को कोरोना महामारी और दूसरी तरफ डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच हर वक्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी डॉ अजीत कुमार सिंह, राजेश कुमार समेत तमाम स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां रहना दूभर हो गया है। सरकार को तत्काल इस मसले पर ध्यान देते हुए डंपिंग यार्ड को तुरंत यहां से हटाना चाहिए। कूड़े-कचरे को लेकर यहां के लोग आंदोलित है।
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