“विशेष” : चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था का जिंदा इश्तेहार, बीमार इंसान की जगह कुत्ते बढ़ा रहे हैं बेड की शोभा
“विशेष” : चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था का जिंदा इश्तेहार,सदर अस्पताल में बीमार इंसान की जगह कुत्ते बढ़ा रहे हैं बेड की शोभा
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : दशकों से बिहार की स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठते रहे हैं. बिहार के सभी नामी मेडिकल कॉलेज मसलन पीएमसीएच, एनएमसीएच, डीएमसीएच, एसकेएमएच सहित अन्य सारे मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में गरीब मरीज महज रिसर्च की वस्तु भर बनकर रह जाते हैं. ऐसे बड़े और नामी अस्पतालों में जब ससमय मरीज के लिए पर्याप्त ईलाज सम्भव नहीं है,तो बिहार के विभिन्य जिले के सदर अस्पताल का आलम क्या होगा,इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। गरीब मरीजों के ईलाज में लापरवाही से असमय मौत,नवजात बच्चों को अस्पताल परिसर से लेकर भागते कुत्ते,सुअरों का विचरण,गंदगी का अम्बार और मामूली सी बीमारी में मरीजों को जिला सदर अस्पताल से रेफर करने की रिवायत, अब एक निश्चित सच बन गया है.
जिला अस्पतालों में सरकार की सतरंगी चादर योजना,बेहतर भोजन और ठंड में कम्बल दिए जाने की योजना को कब का लकवा मार चुका है ।विभिन्य सदर अस्पताल के इमरजेंसी सेवा आंख,कान,नाक,दांत और आयुष डॉक्टर तक सम्भाल रहे हैं ।जहांतक ओपीडी सेवा का सवाल है,तो चर्म रोग विशेषज्ञ फिजिशियन की सेवा दे रहे हैं. स्वीपर ओटी बाबू से लेकर सर्जन की भूमिका निभाते हैं ।कुल मिलाकर बिहार के किसी जिला अस्पताल की सेहत ठीक नहीं है ।ये सारे अस्पताल खुद बीमार हैं. जिले के सिविल सर्जन,अस्पताल अधीक्षक,उपाधीक्षक और मैनेजर हर मौसम में नोटों की बस फसल काट रहे हैं ।आज हम नवादा सदर अस्पताल की अपनी इस खबर में बेशर्मी की बेहतरीन तस्वीर लेकर हाजिर हो रहे हैं. बिहार के बड़े जिले में शुमार नवादा के सदर अस्पताल का आलम और मंजर जमींदोज हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल-पट्टी खोल रहा है. तस्वीर के जरिये हम आपको दिखा रहे हैं कि जिस बेड पर मरीज को लिटाकर-बिठाकर ईलाज किया जाना चाहिए,उस बेड पर कुत्ते आराम फरमा रहे हैं. बेड पर श्रीमान कुत्ता इस कदर आरामपोश है,मानो उसका बेहतर ईलाज हुआ है और अब वह राहत महसूस रहा है.
बेड पर ठंड से बचने के लिए उसके लिए कम्बल भी है। यह तस्वीर चीख-चीख कर यह बता रही है कि नवादा के इस सदर अस्पताल में स्वास्थ्य प्रबंधन पूरी तरह से फेल है। इस तस्वीर को हम बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को दिखाना चाहते हैं कि देखिए इस तस्वीर को और अपने दावों से इसका मिलान करिए। यहाँ पर आपके सभी सरकारी दावों की हवा निकल रही है। आप एक सदर अस्पताल पर वेतन सहित अन्य मद में लुटाई जाने वाली मासिक राशि और सेवा को कसौटी पर कसिए, तब जाकर आपको अहसास होगा कि जनता को किस तरह से ठगा और छला जाता है। लेकिन विडंबना यह है कि सभी को राजसिंहासन की भूख है।असली समाजसेवा और जनता सेवा इन सभी का मिशन ही नहीं है। जाति, वर्ग, पंथ, सम्प्रदाय और धर्म के नाम पर राज्य और देश को बर्बाद करने वाले इन राजनेताओं को जनता का सिर्फ वोट चाहिए. मिल्लत,सहकार,प्रेम और चट्टानी एकता से इनकी राजनीति पूरी तरह से दरक जाएगी. आखिर में हम यही कहेंगे कि नवादा सदर अस्पताल की यह तस्वीर इंसान और जानवर के अंतर को खत्म करने का कुसन्देश दे रही है.
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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