अब दारोगा को SP नहीं कर सकते सीधे निलंबित, लेना होगा DIG से परमिशन .
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस मैनुअल में बड़ा संशोधन हो गया है. इस संशोधन से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को बड़ी राहत मिलेगी वहीँ एसपी रैंक के अधिकारियों की चुनौती बढ़ जायेगी. इस संबंध में गृह विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार पुलिस हस्तक 1978 के नियम 7 अ और 1-क को विलोपित किया गया है.
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार अब पुलिस उपाधीक्षक की पंक्ति में पुलिस निरीक्षक की प्रोन्नति बिहार पुलिस सेवा भर्ती नियमावली के अनुसार की जाएगी. अपर पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महा निरीक्षक पुलिस उपाधीक्षक से नीचे की पंक्ति के किसी भी अधिकारी को नियम 824 में उल्लेखित एक या अधिक दंड दे सकता है.
नियम 840 के तहत पुलिस महानिदेशक अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस महा निरीक्षक पुलिस उपमहानिरीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ पुलिस निरीक्षक और उससे नीचे की पंक्ति के किसी भी पुलिस अधिकारी को निलंबित कर सकते हैं. किंतु पुलिस निरीक्षक के निलंबन के संबंध में एसपी को डीआईजी से परमिशन लेना होगा.
गृह विभाग ने अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन केवल उन्हीं मामलों में प्राधिकृत है जिनमें संबंधित अधिकारी को उसके आधार की जांच होने तक कर्तव्य स्थल पर रहने देना लोकहित में प्रतिकूल हो. कोई अधिकारी न्यायालय में झूठा साक्ष्य देने का दोषी है तब उसे इसी कारण से तब तक निलंबित नहीं करना चाहिए जब तक कि न्यायालय अपना निर्णय न दे दे. क्योंकि उसका निलंबन निर्णय पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का कैसा प्रतीत हो सकता है .
गृह विभाग ने कहा है कि ऐसे मामलों में अधिकारी का कर्तव्य स्थल पर बने रहना लोकहित के प्रतिकूल हो तो उसे वेतन की हानि पहुंचाए बिना किसी दूसरे कर्तव्य पर स्थानांतरित कर देना चाहिए यानी कि उसे ट्रांसफर कर देना है.जाहिर है ये बहुत बड़ा बदलाव है .इस बदलाव से वैसे थानेदारों को बहुत राहत मिलेगी जो अपने क्रोधी एसपी के निशाने पर अक्सर आ जाते हैं और निलंबित हो जाते हैं.
Comments are closed.