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“एक्सक्लूसिव” : दलालों की गिरफ्त में है कोसी का पीएमसीएच कहा जाने वाला सदर अस्पताल

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“एक्सक्लूसिव” : दलालों की गिरफ्त में है कोसी का पीएमसीएच कहा जाने वाला सदर अस्पताल

सिटी पोस्ट लाइव : कोसी के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल में इनदिनों पूरी तरह से दलालों का कब्जा है। सहरसा जिला मुख्यालय में डेढ़ दर्जन से ज्यादा निजी नर्सिंग होम और निजी क्लिनिक हैं जिन्होंने अपने दलाल इस अस्पताल में छोड़ रखे हैं।यहाँ आने वाले गरीब मरीज को दलाल, फंसाकर निजी नर्सिंग होम में पहुंचाते हैं, जहां उनका भरपूर आर्थिक शोषण होता है। दलालों को प्रति माह निजी नर्सिंग होम से मोटी रकम मिलती है। इस खेल में अस्पताल कर्मी की भी सहभागिता है। बीती रात हमने एक्सक्लूसिव सच को करीने से देखा और परखा। सहरसा के सलखुआ प्रखंड के उटेसरा गाँव की रहने वाली राम कुमारी देवी एक 10 दिन पहले अपने बेटे कैलास यादव को लेकर ईलाज कराने सदर अस्पताल सहरसा आयी थी।

अस्पताल में उसे संजय नाम का एक शख्स मिला जिसने पहले तो कैलास की जांच सदर अस्पताल में करवाई और बेहतर ईलाज और खून चढ़वाने के नाम पर कैलास को लेकर सहरसा के नया बाजार स्थित एक निजी क्लिनिक में भर्ती करवा दिया। वहां संजय ने रामकुमारी देवी को पैसे की व्यवस्था करने को कहा ।बेचारी बुढ़ी महिला गाँव जाकर सूद पर आठ हजार रुपये उठाये और रुपये संजय को लाकर दे दिए। संजय ने दूसरे दिन फिर रुपये का इंतजाम करने को कहा। राम कुमारी देवी तत्काल रुपये इंतजाम करने में असमर्थता जताई,तो संजय ने कैलास यादव को निजी नर्सिंग होम से कुछ दवा दिलाकर, यह कहते हुए, उसके गाँव भेज दिया की इसी दवा से मरीज चंगा हो जाएगा। राम कुमारी बेटे को लेकर गाँव चली गयी।

अचानक कल उसके बेटे की तबियत फिर से बिगड़ गयी, तो वह फिर से सदर अस्पताल पहुंची और संजय को ढूंढना शुरू कर दिया लेकिन संजय उस बुढ़ी महिला को कहीं मिल ही नहीं रहा है। बुढ़ी राम कुमारी देवी ने दूसरे के मोबाइल से नर्सिंग होम के डॉक्टर से बात करनी चाही लेकिन उसके फोन को किसी ने नहीं उठाया। यह बुढ़ी महिला बीती देर रात अपने बेटे को लेकर त्राहिमाम कर रही थी। तत्काल हमने मरीज के अस्पताल में रहने और दोनों के खाने का इंतजाम कर दिया। यही नहीं आज से कैलास का विधिवत ईलाज भी हमने तत्काल सदर अस्पताल में शुरू करवा दिया है।

आगे हमने इस मरीज के ईलाज का पूरा जिम्मा उठा लिया है। आगे हम उस नर्सिंग होम के संचालक और संजय का भी खैर-मकदम करेंगे। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साध ली है। हम अपने पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि इस अस्पताल में दलाली का यह खेल, एक व्यवसाय का रूप ले चुका है। इस खेल में सदर अस्पताल के कर्मी भी शामिल हैं ।मोटे तौर पर,रही अस्पताल प्रशासन की बात, तो वह मूक और बधिर बना हुआ है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “एक्सक्लूसिव”रिपोर्ट

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