एईएस बीमारी पर पीएमसीएच के डाॅक्टरों का खुलासा, लीची ने नहीं ली मासूमों की जान
सिटी पोस्ट लाइवः जिस चमकी बुखार या एईएस यानि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से सैंकड़ो बच्चे काल के गाल में समा गये उसको लेकर अब पीएमसीएच के डाॅक्टरों ने बड़ा खुलासा किया है। जहां पहले इस बीमारी को लेकर कई बार यह कहा गया था लीची भी इस बीमारी की वजह है। दूसरी तरफ अब इस बीमारी को लेकर पीएमसीएच के डाॅक्टरों ने खुलासा किया है कि लीची इस जानलेवा बीमारी का कारण नहीं है। पीएमसीएच के डॉक्टरों ने रिसर्च के बाद ये पाया कि मुजफ्फरपुर में 300 बच्चों की मौत स्क्रब टाइफस नामक बैक्टीरिया से हुई है. ये बैक्टीरिया चूहों और छोटे जानवरों के संक्रमण की वजह से बच्चों को बीमार करता है.
रिसर्च पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों ने आईसीएमआर प्रोजेक्ट के तहत किया है जिसमें 6 माह में 500 बीमार मरीजों पर डॉक्टरों ने अध्धयन के बाद पाया कि यह बैक्टीरिया गर्मी के महीनों में पुराने कपड़ों में पैदा होता है और सीधे जानवरों को पहले संक्रमित करता है. पीएमसीएच के शिशु विभाग के एचओडी डॉ एके जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि यह रिसर्च रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंटेम्पररी पीडियाट्रिक्स नामक जर्नल में भी प्रकाशित हुई है.
रिसर्च में लिए हुए अध्ययन से यह साफ हो गया कि एईएस बीमारी न तो लीची से हो रही है और ना ही कुपोषण से बल्कि यह बीमारी गर्मी के मौसम में ही बैक्टीरिया की वजह से होती है. डॉक्टरों की टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि अब जरूरत है कि इन बैक्टीरिया को पैदा होने से रोका जाए ताकि संक्रमण की नौबत ही नहीं आये. हालांकि डॉक्टरों ने यह भी दावा किया कि इस बीमारी में एजिथ्रॉल ग्रुप की दवा उपयोग करना बेहद कारगर साबित होगा क्योंकि बीमार बच्चों में इस दवा का उपयोग कर यह भी पता कर लिया गया है कि इस ग्रुप की दवा ंमे में कारगर है.
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