मांगे नहीं हुई पूरी तो सवर्ण समाज दबाएगा नोटा : भागवत शर्मा
सिटी पोस्ट लाइव : सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने आज सवर्ण सेना के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सवर्ण समाज को सभी पार्टियों ने सभी राजनीतिक दलों ने छलने का कार्य किया है। हमे 10% आरक्षण का लॉलीपॉप थमाकर उसकी आड़ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की अवहेलना करके SC-ST एक्ट एवं 13 पॉइंट रोस्टर मामले में अध्यादेश लाया गया। किसी भी राजनीतिक दल या नेता ने इन अध्यादेशों पर कोई आपत्ति तक नहीं की। जो 10% आरक्षण दिया गया है वो भी छलावा है। ना उम्र सीमा में छूट दिया गया है ना ही परीक्षा शुल्क में कमी की गई है ना ही किसीं प्रकार की छात्रवृति मुहैया कराई जाती है।
कुल मिलाकर 10% आरक्षण सवर्णों को फुसलाने के लिए थमाया गया लॉलीपॉप है। काँग्रेस की सरकार ने मध्यप्रदेश में 10%सवर्णों के आरक्षण को अब तक लटका कर रखा है जबकि पिछड़े वर्ग के आरक्षण को को बढ़ाकर कुल आरक्षण 74% कर दिया है। इसलिए सवर्ण सेना किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करती है यदि कोई प्रत्याशी सवर्ण सेना की मांगो का समर्थन करे और लोकसभा में उठाने का वादा करे तो उस प्रत्याशी को हमलोग समर्थन देंगे चाहे वो किसीं भी दल का हो या फिर निर्दलीय ही हो अन्यथा हर सीट पर हम नोटा दबाने की अपील करेंगे।
सवर्ण सेना के सभी साथी आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान जो भी राजनीतिक दल के नेता चुनाव प्रचार में निकलेंगे उनका घेराव कर उनसे सवर्ण समाज के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों का हिसाब किताब मांगेंगे। उनसे पूछेंगे कि उन्होंने सवर्णों का वोट लेकर बदले में सवर्णों के लिए क्या किया है? और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे। उनका बहिष्कार किया जाएगा एवं उनकी चुनावी सभा नहीं होने दी जाएगी। बड़े-बड़े नेता जाति के नाम पर हम सवर्णों को ठगते हैं। हमसे कहते हैं कि देशहित में सोचिए राष्ट्र के लिए सोचिए। सवर्ण समाज ने हमेशा जातिगत भावना से ऊपर उठ कर राष्ट्रहित में जो पार्टी बेहतर लगी उसे वोट किया है। लेकिन अब वक्त आ गया है कि देशहित के साथ-साथ हम आने समाज के हित के लिए सोचें।
हमारे नेता बताएं कि सवर्णों का वोट लेकर उन्होंने सवर्णों के हित में क्या किया है? सवर्णों की भलाई के लिए क्या किया है? उनके उत्थान के लिए क्या किया है ? सभी नेता गरीब सवर्णों को ठगने का काम करते हैं। उनका वोट लेकर लोकसभा में उनकी हित की बात पर चुप्पी साध लेते हैं। इसलिए जो भी सवर्ण नेता क्षेत्र में निकलेंगे चुनाव प्रचार के लिए उनका कड़ा विरोध होगा। उन्हें मुंह छुपा कर भागने को मजबूर किया जाएगा। हमने सवर्ण समाज को जोड़ने का काम किया है लेकिन ये नेता सवर्ण समाज को तोड़ने का काम करते हैं। इसके बारे में लोगों के बीच जायेंगे और उन्हें जागरूक करेंगे। जब पिछड़े समाज के नेता दलित समाज के नेता अपने समाज के हितों की बात करते हैं उनके रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहते हैं तो फिर सवर्ण समाज के नेता समाज के हितों के लिए आवाज क्यों नहीं उठाते?
सवर्ण सेना के सभी कार्यकर्ताओं ने एकस्वर उनकी बातों का समर्थन करते हुए कहा कि जो नेता सवर्ण समाज के हितों की बात नहीं करेगा सवर्ण समाज उसका बहिष्कार करेगा एवं उनके ख़िलाफ़ मतदान करेगा। उन्होंने माँग की कि जैसे दलितों पिछड़ों के लिए कल्याण विभाग है वैसे ही सवर्ण समाज के लिए भी एक सवर्ण समाज कल्याण विभाग का स्थाई गठन हो. अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण हेतु कुल 17 योजनाऐं संचालित की जाती हैं. ऐसी सभी योजनाऐं गरीब सवर्णों के लिए भी चलाई जाएँ.
1) SC-ST एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए सरकार अपना अध्यादेश वापस ले।
2) 13 पॉइंट रोस्टर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू हो।3) 10% आरक्षण के तहत उम्र सीमा में छूट का प्रावधान हो.
4) गरीब सवर्णों के लिए परीक्षा शुल्क में भी छूट दी जाए.5) UPSC एवं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद प्रोत्साहन राशि
का प्रावधान हो.
6) गरीब सवर्णों के लिए उद्यमी प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सब्सिडी युक्त ऋण सुविधा की भी व्यवस्था की जाए.
यदि कोई प्रत्याशी लिखित रूप से इन माँगों का समर्थन करता है तो उसे हम समर्थन देंगे अन्यथा सभी का बहिष्कार करते हुए NOTA दबाने की अपील करेंगे।
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