भूमिहार-ब्राहमण एकता मंच की निकिता सिंह बन गई है NDA नेताओं के लिए मुसीबत
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सवर्ण सेना ने एनडीए के नेताओं का जीना हराम कर दिया है.SC/ST एक्ट के विरोध में और आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर सवर्ण सेना द्वारा लगातार एंडी नेताओं को कला झंडा दिखाए जाने का सिलसिला जारी है. सवर्ण सेना के अध्यक्ष भागवत शर्मा चेतावनी भी दे चुके हैं कि सवर्णों के ईलाके में अगर एनडीए के नेता गए तो अब उनके ऊपर लाठी डंडे से हमला भी हो सकता है.
इसी तरह से भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन भी एनडीए नेताओं के लिए मुसीबत बन गया है.सवर्ण सेना की तरह ही भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण और SC /ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ आन्दोलन चलाया जा रहा है. इस संगठन के निशाने पर भी एनडीए नेता हैं. इस संगठन से जुड़े लोग एनडीए को काला झंडा दिखा रहे हैं और वो जहाँ कहीं भी जा रहे हैं, उनका विरोध कर उन्हें भागने के लिए मजबूर कर दे रहे हैं. इस संगठन से जुडी महिलायें ज्यादा आक्रामक हैं. ये ये महिलायें इतनी आक्रामक हैं कि कहीं भी पहुँच कर एनडीए नेताओं और मंत्रियों को काला झंडा दिखा दे रही हैं. इन्हें ना तो पुलिस से डर है और ना ही नेता मंत्री से. एक ऐसी ही महिला कार्यकर्त्ता है भूमिहार ब्राह्मण सेना की निकिता सिंह जो एनडीए नेताओं के लिए मुसीबत बनी हुई है. पिछले दिन लखीसराय के बड़हिया में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को काला झन्डा दिखाने का पहले ही सोशल मीडिया में एलान कर दिया था. पुलिस ने झंडा दिखाने से पहले ही इन्हें हिरासत में ले लिया और तबतक नजरबन्द रखा जबतक की मंत्री वापस नहीं चले गए.
निकिता सोशल मीडिया पर पहले नेताओं मंत्रियों को अपने क्षेत्र में नहीं घुसाने की चेतावनी देती हैं और फिर डंके की चोट पर अपनी सेना के साथ नेता जी के सामने काला झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन करने पहुँच जाती हैं. पुलिस के लाठी डंडे खाने से भी निकिता नहीं घबराती है.निकिता सिंह का कहना है कि सरकार ने इस कानून में संशोधन कर सवर्णों को दहशत में लाने की कोशिश की है. इस एक्ट का बेजा इस्तेमाल सवर्णों के खिलाफ किया जाएगा.
झूठे मुकदमों में उन्हें फंसा कर उन्हें जेल में दाल देने की साजिश चल रही है. निकिता सिंह ने कहा कि सवर्ण समाज अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा. जबतक सरकार SC/ST में संशोधन को वापस नहीं लेगी ,एनडीए के नेताओं को सवर्णों के बीच वोट मांगने के लिए जाने की ईजाजत नहीं मिलेगी. निकिता का कहना है कि उनका आन्दोलन दलितों-पिछड़ों के खिलाफ नहीं है. उनका आन्दोलन तो सवर्ण समाज को न्याय दिलाना और गरीब सवर्ण समाज के लिए आरक्षण की व्यवस्था कराना है.
भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के अध्यक्ष आशुतोष कुमार का कहना है कि उनके संगठन में हजारों महिलायें शामिल हैं जो बेहद सक्रीय हैं. इनमे से निकिता सिंह जैसे आक्रामक तेवर वाली महिलाओं की भी कमी नहीं है.उन्होंने कहा कि उनकी एक निकिता सैकड़ों लोगों से मुकाबला करने के लिए काफी है.वह जुझारू है, संघर्षशील है और निडर है. आशुतोष कुमार दिन रत अपने इस संगठन को धार देने के लिए दिन रात बिहार का भ्रमण कर सवर्ण समाज को गोलबंद कर रहे हैं.
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