जवान के शहादत पर सांसद महोदय का संवेदनहीन रवैया, उधर चिता इधर MP साहब के ठहाके
सिटी पोस्ट लाइव : यह हूजूम है उस मेले का जो शहीद की मजार पर लगा है, हुजुम में शामिल हर आंख नम है, जिन आंखों में नमी है उन्हीं आंखो में शहीद की शहादत का फक्र भी है। लेकिन इसी हुजूम में कोई है जिसकी आंख न तो नम है, नहीं उसकी आंखों में कोई फक्र है है तो बेहयाई और बेशर्म हंसी। न जाने कौन सी खुशी मिली है इनको जो शहीद की शहादत पर भी इतना खिलखिला रहे हैं। सबकुछ बताएंगे पहले यह जान लीजिए यह तस्वीर है रोहतास जिले के डेहरी-आॅन-सोन की। भारतीय सेना के जवान रवि रंजन कुमार सिंह सरहद पर शहीद हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने पूंछ जिले के कृष्णा घाटी में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाक सेना ने नियंत्रण रेखा के पास गोलीबारी की। मोर्टार दागे और इसी में रोहतास जिले के डेहरी निवासी लांसनायक रविरंजन शहीद हुए। शहीद का शव जब उनके पैतृक गांव डेहरी, गोपी बिगहा पहुंचा तो बहादुर बेटे की शहादत पर हजारों लोग बिलख रहे थे।
शहीद के सम्मान में देशभक्ति नारे भी लगा रहे थे लेकिन न जाने क्यों शहीद के दर्शन के लिए पहुंचे काराकाट के सांसद महाबली सिंह को कौन सी खुशी मिली थी कि वे खिलखिला रहा थे। सांसद महोदय की बेशर्मी देख लीजिए जहां हर आंख नम है वहां उनके होठों पर बेशर्म मुस्कान है। न जाने यह सियासत का गुरूर है या फिर शहादत की कीमत समझने की गैरत है कि ऐसे मौकों पर इनकी हंसी छुट जाती है। बहादुर जवान ने सीमा पर देश के खातिर अपनी जान दी है। उसकी मजार पर मेला लगता रहेगा, पूरे देश को उसकी शहादत पर गर्व है, यह देश बहादुर लांसनायक रविरंजन की शहादत याद रखेगा लेकिन सांसद महोदय की यह हंसी भी याद रखी जाएगी वैसे पूछा जाना चाहिए, सवाल जायज है कि सांसद महोदय जब शहीद तिरंगे में लिपटा हुआ आया था तो वो कौन सी खुशी आपको मिल गयी थी कि आप ठहाके लगा रहे थे।
रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट