सिटी पोस्ट लाइव : वह भी एक पल था, जब हम यातना झेल रहे थे । हमें भी मीत, सहचर और संभालने वाले की शख्त जरूरत थी।हमें सम्बल देने वाले मजबूत काँधे की तलाश थी। लेकिन किसी ने हमें नहीं संभाला और हम दुनिया को अलविदा कह गए। जी हां ! यह बड़ी हकीकत है फिल्मी कोहिनूर सुशांत सिंह राजपूत की, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। घर का इकलौता लाल जब इस दुनिया से चला गया, तो अब मातमपुर्सी का मेला लग रहा है। दिवंगत सुशांत के घर नेता, मंत्री, अधिकारी, अभिनेता, गायक, उद्यमी, विभिन्य क्षेत्र के बड़े लोग और विभिन्य सामाजिक संगठनों के सूरमा पहुँच रहे हैं। सभी पीड़ित परिजन को धैर्य बंधा रहे हैं और अपने तरीके से सुशांत की मौत पर से कैसे पर्दा हटेगा, इसपर बयान दे रहे हैं । सुशांत के घर पर अभी सनातन कर्म की प्रक्रिया चल रही है।
इन तमाम बातों से बेखबर दिवंगत सुशांत के पैतृक गाँव, बिहार के पुर्णिया जिले के मलडीहा के महादलित परिवारों ने, दिवंगत को न्याय दिलाने के लिए मोर्चा खोल दिया है । इन गरीब तबके के लोगों को दिवंगत सुशांत से ना केवल गहरा लगाव है बल्कि बेपनाह प्यार है । ये अपने लाल की मौत का बदला लेना चाहते हैं । ये सभी सक्षम और सामर्थ्यवान नहीं होते हुए भी कह रहे हैं कि सरकार न्याय करे, नहीं तो ये सभी मुम्बई जाकर, दिवंगत सुशांत की मौत का बदला लेंगे । वाकई यह तस्वीर सच की तस्वीर है, जो अपने कलेजे के टुकड़े की मौत से बेहद आहत हैं और पूरा न्याय चाह रहे हैं । गरीबों का खौलता हुआ खून, पूरे देश को सबक दे रहा है । देखिए इस एक्सक्लूसिव तस्वीर को और सुनिए की क्या कह रही हैं, खासकर के महिलाएं और बच्चियाँ ?
बेशक, मंत्री, नेता, समाजसेवी, अभिनेता, गायक, सामाजिक संगठन के महारथी और सभी क्षेत्रों के सामर्थ्यवान लोग, दिवंगत सुशांत के घर पहुँचकर, मीडिया की सुर्खियाँ बटोर रहे हैं । लेकिन इससे ईतर सुशांत का परिवार, सुशांत को खोकर, हिमालय बन चुका है । मगरमच्छी आँसू बहाने वाले, अगर सुशांत के लिए सच में दर्द है, तो बिना उनके परिवार से मिले और बिना उनके परिवार के लोगों को बताए, न्याय के लिए क्रांति का शंखनाद कर के दिखाइए । दिवंगत सुशांत के नाम पर दुकानदारी, बेहद शर्मनाक है ।
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
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