सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय इनदिनों फिर से एक बार सुर्ख़ियों में हैं. सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण के दौरान भी पूर्व DGP पूरे देश में छाए हुए थे. लेकिन इस बार उनके नए अवतार की वजह से लोग फिर जानने को उत्सुक हैं कि आखिर ऐसा क्यों वो बन गए. दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय अब एक कथा वाचक की नई भूमिका में नजर आ रहे हैं.
उनके इस नए अवतार को उन्हें चाहने वाले पसंद कर रहे हैं तो वहीं कुछ विरोधी उन्हें ट्रोल भी कर रहे. इन सबका जबाव अब गुप्तेश्वर पांडेय ने दे दिया है. उन्होंने कहा कि जब से मैं नौकरी करना शुरू किया तब से ये काम करना चाहता था. इसे लेकर उन्होंने कहा कि जो लोग इसे मेरा नया अवतार बता रहे हैं, वे मुझे नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी रूचि इसमें बचपन से रही है. जब मैं 16 साल का था तब से इस तरह के कार्यक्रमों में बढ-चढकर भाग लिया करता था.
लेकिन नौकरी के दौरान कथा कहने की स्वतंत्रता नहीं थी. उन्होंने कहा कि ये जीवन का अंतिम लक्ष्य होता है कि भगवन के शरण में भक्तिमय होना है. तो मैं ये कर रहा हूँ तो इसमें क्या बड़ी बात है. उन्होंने राजनीति से कथावाचक की भूमिका में आने को लेकर कहा कि परिस्थियां जब जैसी तब वैसी होती है.
उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि कथा कहने में मेरी रुची है, इसलिए मैं कथा कहता हूँ. मैं किसी से पैसे लेकर कथा नहीं कहता. साथ ही उन्होंने कहा कि भगवन की भक्ति के अलावा मेरी अब किसी भी चीज में रूचि नहीं है. जाहिर है देश में गुप्तेश्वर पांडेय एक चर्चित नाम हैं. जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत का राज उजागर करने के लिए पूरी कोशिश की थी. जिसके बाद उन्हें हर घर में जाने जाना लगा. अब जब वे रिटायर हो चुके हैं तो अपने पैशन को पूरा करने में लगे हैं.
जाहिर है पिछले दिनों वे कथावाचन करते नजर आए थे. इसकी शुरुआत रामनगरी अयोध्या से की थी. हरिदास नगर कॉलोनी स्थित हरी सुदर्शन आश्रम में बिहार के पूर्व डीजीपी ने गीतोक्त संस्था के साथ श्रीमद् भागवत कथा का पाठ किया. पूर्व डीजीपी के कथा पाठ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह श्रीमद् भागवत कथा के वात्सल्य प्रेम का वाचन करते समय रो रहे हैं.
Comments are closed.