सिटी पोस्ट लाइव: गया जिले में 9 मार्च को देर शाम कोतवाली थाना क्षेत्र के मुरारपुर निवासी सुनीता देवी के घर से कोतवाली थाने की पुलिस ने बलपूर्वक घर का सारा सामान सहित निकाल दिया. वहीं इस संदर्भ में जब कोतवाली थाना अध्यक्ष मनोज कुमार से घर खाली कर आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, विधि व्यवस्था खराब हो सकती थी इसलिए खाली कराया गया. दरअसल, एक महिला ने कंप्लेन की थी, कि मकान हम बनाए हैं और यह उसमें आकर रह गई.
वहीं दूसरी ओर घर में रह रही सुनीता देवी का कहना है कि हमारे जमीन को भू माफियाओं और पुलिस के गठजोड़ से हड़पने की साजिश है क्योंकि 1 माह पूर्व से हमने कोतवाली थाना में आवेदन दे रखा है कि. हमसे विपक्षी लोग फर्जी कागज का हवाला देकर मकान हड़पना चाहते हैं. 5 लाख रुपये रंगदारी का डिमांड किए हैं और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दिया गया है. लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई न करके और उल्टा आज देर शाम मुझे ही घर से समान सहित बाहर निकाल दिया गया तथा मेरे साथ पुलिस के द्वारा अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया है.
इसके साथ ही कहा कि, कल 11 बजे कागजात लेकर थाना बुलाया गया है. मैं यह जमीन अपनी मां से रजिस्ट्री कराई हूं. मेरे पास ब्लॉक से काटा रसीद भी है. पुलिस ने मेरे साथ नाइंसाफ़ी की है और कोई भी महिला यदि थाना में लिख कर देती है, कि मकान हमने बनवाया तो पुलिस का काम है कि इसकी जांच कराए. ऐसा नहीं कि उसे घर से ही निकाल दे. यह कहां का इंसाफ़ है.
महिला ने यह भी कहा कि, जब कोई किरदार को खाली कराने के लिए मकान मालिक द्वारा पुलिस के पास आवेदन दिया जाता है तो पुलिस का एक जवाब होता है कि बिना कोर्ट के आदेश के हम किराएदार को खाली नहीं करा सकते हैं जब किरदार के लिए पुलिस का यह कानून है तो क्या मकान मालिक के लिए जिसके नाम से रसीद ब्लॉक से कट रहा है सारा काग्रेस कागजात है और उसे केवल विधि व्यवस्था का हवाला देकर इस परिस्थिति में घर से सामान पूरा बाहर निकाल कर मकान को खाली करा दिया गया.
महिला ने सरकार से सवाल पूछते हुआ कहा कि, क्या सुशासन बाबू की सरकार में महिलाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार होता रहेगा. वहीं इस संदर्भ में सदर एसडीओ से भी संपर्क की गई. उन्होंने कहा कि, इसका जांच किया जाएगा. मकान किस परिस्थिति में पुलिस ने खाली कराई है. अभी मैं चुनाव कार्य से फतेहपुर प्रखंड में हूं. विधवा महिला सुनीता देवी कल शाम से फोन के माध्यम से गया जिला पदाधिकारी, मगध प्रमंडल आयुक्त के अलावे अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को अपने साथ घटित घटना से अवगत कराई है. अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
गया से आर के निराला की रिपोर्ट
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