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झंझारपुर में कमला नदी उफान पर, बाढ़ पीड़ितों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाया आशियाना

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सिटी पोस्ट लाइव : मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान पूरे उफान पर है, दूसरी ओर नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इस कारण से जलमग्न होने के कारण स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-57 पर अपने बचे हुए सामानों ओर मवेशियों के साथ डेरा जमा लिया है। बता दें कि नेपाल के साथ-साथ मधुबनी जिले में हो रही भारी बारिश से झंझारपुर में कमला नदी उफान पर है। बाढ़ का पानी दोनों बांध के बीच के इलाके के गांवों में प्रवेश कर गया है।

कमला नदी का रौद्र रूप देख पिछले साल बाढ़ की विभीषिका झेल चुके लोग पहले ही बाल-बच्चों और मवेशियों संग एन०एच०- 57 पर शरण लेना शुरू कर दिया है। एनएच किनारे आशियाना बना लोगों के परिवार संग डेरा डाल देने से झंझारपुर में दरभंगा-पूर्णिया एन०एच०-57 के एक लेन पर आवागमन ठप हो गया है। हालांकि यहां भी उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है। इस बाबत नवटोलिया के अमलेश मुखिया की पत्नी शीला देवी ने बताया कि नदी में पानी ज्यादा होने के कारण पूरे परिवार के साथ सड़क पर आ गयी हूं।

प्रशासन ने सुरक्षा के लिए फोरलेन के एक लेन पर आवागमन रोक दिया है। फिर भी दूसरी लेन पर पूरी रात तेज वाहन की आवाज और कमला नदी के शोर के दहशत में रात का खाना नहीं बना सकी। स्थिति यह हो गई कि अगल-बगल के लोगों ने खाना पहुंचाया, तब पेट की आग शांत हुई। शीलला ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों को है। शीला के बगल में खड़ी जीवाछि देवी, शांति देवी, सिया देवी, सती देवी, मंजू देवी, गीता देवी, जानकी देवी की अपनी-अपनी कहानी है।

एन०एच०-57 के डिवाइडर पर मवेशियों के लिए तंबू लगा रहे अमरीश मुखिया ने कहा कि जिंदगी के तीन माह एनएच पर ही गुजरेंगे। एन०एच० बनने के बाद बाढ़ में जिंदगी बहने का डर समाप्त हो गया। जागे मुखिया, मोहन मुखिया, लोटन मुखिया, जागेश्वर मुखिया, जोगेंद्र मुखिया, रामस्वरूप मुखिया, अजय मुखिया, श्याम मुखिया, संजय मुखिया, अनूप मुखिया, राजा मुखिया ने कहा जान बच गई। मवेशी बच गए। अब सरकार कुछ मदद करें, तो आगे का समय कट जाए।

वहीं, झंझारपुर एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से एन०एच०-57 के एक लेन बंद कर दिया गया है। सड़क पर रह रहे लोगों को किसी प्रकार की विशेष दिक्कत नहीं हो इसकी व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। शनिवार को ही प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग, अंचल और अन्य विभागों के साथ बैठक कर बाढ़ प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सुविधा, कम्युनिटी भोजन एवं आवश्यक सामान आपूर्ति करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

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