डॉक्टर और जिला प्रशासन के बीच तनातनी जारी, तीन डॉक्टरों के घर चिपका इश्तेहार
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के आरा में सरकारी सदर अस्पताल के डॉक्टर के साथ आरा के जिलाधिकारी के द्वारा बदसलूकी किये जाने और अपने अंगरक्षक से पिटवाये जाने के तथाकथित आरोप को लेकर प्रदेश के डॉक्टर आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गए हैं. जिलाधिकारी द्वारा विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये सदर अस्पताल के डॉक्टरों की हाजिरी लगाए जाने के डीएम के आदेश को लेकर पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीँ अब तीन डॉक्टरों के घर जिला प्रशासन ने इश्तिहार चिपकवाया है.
पीड़ित डॉक्टर टीए अंसारी सहित तीन डॉक्टरों के घरों पर चिपकाए गए इस इश्तहार में दो घंटे के भीतर जांच कमेटी के सामने उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया गया है. ऐसा नहीं होने पर दोषी डॉक्टरों पर अन्य चिकित्सकों को काम करने से रोकने, षड्यंत्र रचने और किसी भी गैर सरकारी संगठन की बैठक में शामिल होने के कारण उनपर कानूनी और विभागीय कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
बता दें डॉक्टर से बदसलूकी की खबर के बाद IMA बिहार के पदाधिकारियों की आपातकालीन बैठक हुई. डीएम के तबादले और उनके खिलाफ कारवाई की मांग को लेकर IMA ने आरा के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद करवा देने का फैसला लिया. सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद होने से त्राहिमाम मचा हुआ है. आरा सदर अस्पताल के सभी चिकित्सक ओपीडी इमरजेंसी सेवा को बाधित कर अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं. मरीजों के स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आनन-फानन में सदर अस्पताल के इमरजेंसी सेवा जारी रखने के लिए आयुष चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई. लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी मामला सुलझता दिखाई नहीं दे रहा है.
जिला पदाधिकारी के आदेश से आरा सदर अस्पताल के डॉ टीए अंसारी, डॉ अरुण कुमार और डॉ नरेश प्रसाद के क्लिनिक पर ये इश्तहार चिपकाए गए हैं. प्रशासन द्वारा चिपकाए गए इश्तिहार में डॉक्टरों के ऊपर अवैध रूप से भोजपुर डीएम के कैम्प कार्यालय में घुसकर हंगामा करने एवं विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है. इसके साथ आपराधिक षडयंत्र रचने, कर्तव्यहीनता और स्वेच्छाचारिता से कार्य बाधित करने को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.
दूसरी ओर उप विकास आयुक्त द्वारा तीनों डॉक्टरों पर बगैर किसी पूर्व सूचना के अस्पताल से अनुपस्थित रहने, बाहरी व्यक्तियों के साथ बैठक कर षडयंत्र रचने और दुर्व्यवहार को लेकर समिति के सामने आकर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया गया है. अन्यथा तीनों डॉक्टरों पर प्रशासनिक कार्रवाई की बात कही गई है. श्तिहार में इस बात का भी जिक्र है कि भासा के साथ मिलकर अन्य चिकित्सकों को उकसाने का काम किया गया है. प्रशासन का कहना है कि सदर अस्पताल के परिसर का उपयोग मरीजों की सुविधा के लिए किया जाता है न कि सरकारी प्रक्रिया के विरुद्ध षडयंत्र रचने के लिए.
Comments are closed.