जल-जीवन हरियाला यात्रा पर पश्चिम चंपारण पहुंचे सीएम, 841 योजनाओं का किया उद्घाटन
सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-2 प्रखंड स्थित चम्पापुर में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत आयोजित जागरूकता सम्मेलन में 1032 करोड़ रुपये की लागतवाली 841 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं आज उद्घाटित और शिलान्यास किये गए विभिन्न विकासात्मक योजनाओ से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया। सम्मेलन में शामिल होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने चम्पापुर (गनौली) पोखरा के जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया। पोखरा निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। इसके पश्चात चम्पापुर गांव का भ्रमण कर सार्वजनिक कुंए के जीर्णोद्धार सहित विकास कार्यों का जायजा लिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज हमने पश्चिम चम्पारण के चम्पापुर से जल-जीवन-हरियाली यात्रा की शुरुआत हमने कर दी है। हमने हर यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण से ही की है। इस यात्रा के माध्यम से पर्यावरण संतुलन के प्रति लोगों को सचेत करना है ताकि हमारी आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ शुद्ध पेयजल भी मिलता रहे। जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में 13 जुलाई को हमने विधानमंडल सदस्यों की बैठक बुलाई थी जिसमे जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे बिहार में चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के तहत अगले 3 वर्षो में 24 हजार करोड़ रुपया खर्च कर जलवायु परिवर्तन में सुधार लाने की दिशा में अनेक कार्य किये जायेंगे। जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तहत हम पूरे बिहार में जाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के प्रति लोंगो को प्रेरित करेंगे। वर्ष 2007 से हम लोगों को राहत दिलाने का काम करते रहे हैं जो निरंतर आगे भी जारी रहेगा, क्योकि सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है।
सभी सरकारी भवनों में जल संचयन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। 19 करोड़ पौधे लगाकर बिहार का हरित आवरण 9 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत पर पहुंचाने में हमलोग कामयाब हुए जिसे बढाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित है। बदलते मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने को लेकर भी काम आगे बढ़ रहा है। बाल्मीकिनगर का जंगल बहुत ही सुंदर और घना है। पूरे बिहार में अतिवृष्टि और सूखा के कारण आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। जलवायु परिवर्तन के कारण कई जगहों पर पर्यावरण में बदलाव होने से समस्याएं उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कुओं के साथ ही आहर-पाइन, तालाब का जीर्णोद्धार एवं उसे अतिक्रमणमुक्त करने सहित 11 कामों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा है। इसके अलावे सार्वजनिक चापाकल को भी मेंटेन किया जाएगा। चम्पापुर तालाब देखकर मुझे काफी अच्छा लगा। एक अने मार्ग मुख्यमंत्री आवास में जापान के वैज्ञानिक द्वारा विकसित मियावाकी तकनीक का उपयोग कर 30 बाई 30 में 256 पौधारोपण किया गया है। इस तकनीक के जरिये 2 साल में ही पेड़ की ऊंचाई 10 साल के बराबर हो जाती है। इस बार फरवरी माह में जो बच्चे मुख्यमंत्री आवास का भ्रमण करने आएंगे, उन्हें भी इस प्रयोग को दिखाया जाएगा। हमने डीएम साहब को भी ओस तकनीक को अधिक से अधिक उपयोग में लाये जाने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में ही फसल अवशेष में आग लगाने की शरुआत इस इलाके में भी हो गयी है उन्होंने कहा कि रोहतास, कैमूर, पटना, नालंदा के बाद अब उत्तर बिहार में भी लोग अपने खेतों में फसल अवशेष जलाने लगे है जो पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के लिहाज से बहुत ही खतरनाक है। इससे सबको बचना होगा और फसल कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर का त्याग कर रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रा बेलर एवं रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते हुए किसानों को प्रेरित करना होगा। इन यंत्रो की खरीद पर सरकार किसानों को 75 प्रतिशत जबकि एससी, एसटी एवं अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान मुहैया करा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान से फसल अवशेष प्रबंधन को भी जोड़ा जा रहा है। खेतों में रहनेवाले फसल अवशेष को काटने, संग्रहित करने एवं उसका बंडल बनाने के लिए रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर एवं स्ट्रॉ बेलर, रीपर कम बाइंडर जैसे कृषि यंत्र को 75 प्रतिशत के अनुदान राशि पर सामान्य किसानों को जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अतिपिछड़ा समुदाय के किसानों को 80 प्रतिशत की राशि पर मुहैया कराया जाएगा।
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