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बिहार के चुनावी अखाड़े में शिवसेना ने भी दिखाई दिलचस्पी, 22 नेताओं की सूची जारी की

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सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति का सबसे बड़ा गढ़ कहे जाने वाले बिहार के इस चुनावी समर में अब शिवसेना ने भी दिलचस्पी दिखाई है. वे भी अब अपने उम्मीदवारों को मैदान में कुदने की हरी झंडी दे दी है. दरअसल चुनावी बिगुल बजने के बाद जहां एक तरफ बिहार में सभी पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है वहीं अब अचानक शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बिहार चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया.

बताया जाता है कि  उद्धव ठाकरे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे. जिसके चलते शिवसेना ने गुरुवार को 22 नेताओं की सूची जारी की है जो बिहार में चुनाव प्रचार करेंगे. चुनाव प्रचार करने वालों की सूची में उद्धव ठाकरे के अलावा उनके बेटे एवं राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम भी शामिल है. सूत्रों ने बताया कि शिवसेना करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं बिहार में चुनाव प्रचार करने वाले शिवसेना नेताओं में सुभाष देसाई, संजय राउत, अनिल देसाई, विनायक राउत, अरविंद सावंत, प्रियंका चतुर्वेदी, राहुल शेवाले और कृपाल तुमाने समेत तकरीबन 60 नेता शामिल हैं.

बता दें बिहार में वैसे शिवसेना का कोई अस्तित्व नहीं है. लेकिन अपनी बिहार में साख जमाने के लिए बिहार के चुनावी दंगल में उतरने वाले हैं. वैसे तो उनकी फजीहत पहले ही सुशांत मामले को लेकर हो चुकी है. उनके पुतले तक फूंके जा चुके हैं. ऐसे में अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वे बिहार प्रचार करने आते हैं, तो क्या होता है ये देखने वाली बात होगी.

बताते चलें पहले फेज के लिए बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों में हो रहे उपचुनाव को लेकर एक नया गाईडलाईन जारी कर दिया है.इस गाइडलाईन के बाद चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए राजनीतिक सभाएं करने का रास्ता  अब साफ हो गया है.गृह मंत्रालय ने नए दिशा निर्देश जारी करते हुए यह साफ कर दिया है कि अब 15 अक्टूबर से पहले भी राजनीतिक सभाएं की जा सकती हैं.

30 सितंबर को जारी दिशानिर्देश में राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक और खेलकूद से जुड़े आयोजनों में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति दी गई थी.लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि निर्धारित शर्तों के साथ राज्य सरकारें 15 अक्टूबर से पहले कंटेनमेंट जोन के बाहर राजनीतिक सभाओं की अनुमति दे सकती हैं. राजनीतिक सभाओं की अनुमति केवल उन विधानसभा या लोकसभा क्षेत्रों के लिए होगी जहां चुनाव होने हैं.

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