दूसरे राज्यों से पैदल बिहार पहुँच रहे मजदूर, बिहार में नहीं हुई कोई जांच
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के सख्ती के साथ लॉकडाउन (Lockdown) के पालन के दावे की प्रवासी मजदूरों ने हवा निकाल दी है. लॉकडाउन के एक महीने बीतने के बाद सोमवार को मजदूरों की टोली मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से पैदलकर पटना पहुंच गई. दो दर्जन से ज्यादा मजदूर पैदल ही मध्य प्रदेश के मुरैना से चलते हुए पटना पहुंचे और यहां से दरभंगा (Darbhanga) के लिए रवाना हो गए.मध्य प्रदेश के मुरैना से सभी मजदूर 11 दिन पहले पैदल निकले थे. 11 दिनों तक पैदल चलने के बाद वे सोमवार को पटना के NH 30 से गुजरते हुए दरभंगा के लिए निकल गए.लेकिन किसी ने उन्हें रोका टोका नहीं.
मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था. फैक्ट्री मालिकों ने घर जाने के लिए कहा दिया. जिस कंपनी में काम करते थे उसने फैक्ट्री से निकाल बाहर कर दिया.काम बंद होने के बाद कुछ दिन तो बचे पैसे के सहारे रहे पर जब पैसे खत्म होने लगे तो घर वापसी के अलावा कोई चारा नहीं बचा. NH 30 पर बक्सर से आ रहे लोगों की भीड़ भी दिखाई पड़ी. बक्सर से आधे दर्जन लोग तीन दिन से पैदल चलते हुए पटना पहुचे, ये मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए.
लॉकडाउन में बिहार सरकार सख्ती की बात कह रही है पर दावे पर सवाल खड़े हो रहा है. मुरैना से पैदल आ रहे मजदूरों का कहना है कि मध्य प्रदेश में एक जगह स्क्रीनिंग की गई पर बिहार घुसने के बाद कहीं किसी ने कोई जांच नहीं की. लोगों का कहना है अगर प्रशासन क्वारंटीन में रहने को कहेगी तो जरूर रहेंगे.बाहर में फंसे मजदूरों को मदद के लिए बिहार सरकार ने कई कदम उठाए हैं. लोगो के खातों में एक-एक हजार रुपये और खाने को राशन भी मुहैया कराया जा रहा है. पर मध्य प्रदेश से लौटे मजदूर गोपाल यादव का कहना है कि अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिली. किसी को कुछ पता भी नहीं है कि सहायता किसे और कैसे मिल रही है.
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